दिन में कहते खत्म हो गई खाद और देर रात्रि करते वितरण
ललितपुर में किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी समितियों द्वारा खाद की कालाबाजारी की जा रही है, जिससे किसान अधिक कीमत चुकाने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी ने स्थिति की जांच का आश्वासन...
ललितपुर। अन्नदाताओं को प्राथमिकता सिर्फ किताबी और जुबानी है। बुआई के लिए सिस्टम पर्याप्त खाद का इंतजाम नहीं कर पा रहा है। इस कारण किसानों को निर्धारित से अधिक कीमत देकर खाद खरीदनी पड़ रही है। जिला मुख्यालय से चंद कदम दूर बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति कर्मियों ने दिन में खाद खत्म होने का हवाला देकर रात में कालाबाजारी कर दी। जनपद का प्रमुख पेशा कृषि है। यहां साढ़े तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में रबी की बुआई हो रही है। इसके लिए किसानों को बड़ी मात्रा में खाद की जरूरत है। जिसको पूरा करने के प्रयास नाकाफी हो रहे हैं। कमी के चलते खाद की जमाखोरी और कालाबाजारी चरम पर है। सहकारी समितियां भी निजी दुकानदारों की तरह खाद की कालाबाजारी कर रही हैं। जिला मुख्यालय से चंद कदम दूर बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति सिविल लाइन पर बृहस्पतिवार को खाद लेने आए मिर्चवारा, दावनी, खड़ेरा, भैंसाई, जिजयावन, बम्हौरीनागल, रघुनाथपुरा, जामुनधाना, परौंदा, निवाई, घुटाई, बम्हौरीकलां, पनारी सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के सदस्य ग्रामीणों के साथ समिति कर्मियों ने गच्चा दे दिया। पहले समिति कर्मी खाद देने का आश्वास देते रहे लेकिन शाम होते ही गेट पर ताला बंद करके चले गए। इसके बाद रात में गेट खोलकर सैकड़ों बोरी खाद महंगे दामों पर किसानों को विक्रय कर दी। जिस कारण शुक्रवार को आए किसानों को खाद खत्म होने का हवाला देकर खाली हाथ लौटा दिया गया, जिससे किसान आक्रोश हो गए। वह लोग जिलाधिकारी कार्यालय गए और डीएम अक्षय त्रिपाठी को घटनाक्रम से अवगत कराया। उन्होंने यह भी कहा कि बीस-बीस दिनों से उनकी पासबुक समितियों पर जमा है। उनसे आज कल कहा जा रहा है, जिससे बुआई में विलंबित हो रही है। इस पर जिलाधिकारी ने एआर कोआपरेटिव को मौके पर भेजकर जांच करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए और किसानों को खाद दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों का आक्रोश शांत हुआ।
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