डाक्टर की सलाह बिना एंटीमाइक्रोबियल लेना खतरनाक
फोटो- 3कैप्सन- सीएमओ कार्यालय के सभागार में बैठक को संबोधित चिकित्सकडाक्टर की सलाह बिना एंटीमाइक्रोबियल लेना खतरनाक वैक्टीरिया को एंटीबायोटिक, फफंूद स
ललितपुर। डाक्टरी सलाह के बगैर एन्टीमाइक्रोबियल दवाइयां लेने से शरीर को अत्यधिक नुकसान पहुंचता है। इससे एन्टीमाइक्रोबियल रजिस्टेंस उत्पन्न हो सकता है। जिस कारण इस तरह की दवाइयां असर करना बंद कर देती हैं। वर्ल्ड एन्टीमाइक्रोबियल अवेयरनेस सप्ताह के तहत आयोजित गोष्ठी में सीएमओ ने यह बात कही। वर्ल्ड एन्टीमाइक्रोबियल अवेयरनेस सप्ताह के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित सभागार में गोष्ठी का आयोजन हुआ। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. इम्तियाज अहमद ने बताया कि एन्टीमाइक्रोबियल ऐसी दवाइयां होती हैं जिनका उपयोग हानिकारक सूक्ष्म जीवों को खत्म करने में होता है। ये एन्टीबायोटिक, एन्टीफंगल आदि प्रकार की हो सकती हैं। बैक्टिरिया से फैलते वाली बीमारियों के इलाज में एन्टीबायोटिक इस्तेमाल होती है जबकि फंफूद से फैलने वाली बीमारियों के इलाज में एन्टी फंगल दवाओं का उपयोग किया जाता है। स्वयं से अथवा बिना डाक्टरी सलाह के एन्टीमाइक्रोबियल दवाइयां लेने से शरीर को नुकसान पहुंचता है। डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डा. सौरभ सक्सेना ने बताया कि एन्टीमाइक्रोबियल रजिस्टेंस की स्थिति उत्पन्न होने से उस व्यक्ति पर सामान्य दवाइयां ठीक से काम नहीं करती, जिससे मरीज के इलाज में दिक्कत हो सकती है। इसलिए आवश्यक है कि बीमार पड़ने पर निकटतम् स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक को दिखाकर ही दवा ली जायें। चिकित्सकीय सलाह के बिना दवा बंद न की जाये। उन्होंने एन्टीमाइक्रोबियल दवाओं के गैर जरूरी प्रयोग को रोकने के लिए समस्त चिकित्सकों से अपील भी की।
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