जिले में वायरल बुखार कम कर रहा हीमोग्लोबिन
वायरल फीवर का नया रूप लोगों को प्रभावित कर रहा है। 75% बुखार रोगियों में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई है, जिससे लिवर पर गंभीर असर हो रहा है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, और डॉक्टरों का...
वायरल फीवर बदले रूप में लोगों को घेर रहा है। कुछ लक्षण बदल रहे हैं। खून की जांचों में सीबीसी काउंट बिगड़ी मिल रही है। हीमोग्लोबिन भी कम मिल रही है।75 फीसदी बुखार रोगियों में हीमोग्लोबिन कम मिल रही है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक आ रहे बुखार से अलर्ट रहें। वायरल में लिवर का पूरा खेल बिगड़ रहा। जिला अस्पताल की ओपीडी में आने वाले 900 मरीजों में 600 की पैथालाजी में जांच हो रही है।इनमें 75 प्रतिशत मरीजो 450 मरीजो में हीमोग्लोबीन कम निकल रहा है। जिला अस्पताल ओपीडी में आ रहे अधिकतर मरीज धीमा बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत कर रहे हैं। रिटायर्ड डा. आर एस मधौरिया ने बताया कि जांच में पता चलता है कि लिवर पर असर है। हीमोग्लोबिन कम है। बुखार ठीक करना बड़ी मुश्किल नहीं है। लेकिन इससे होने वाली दूसरी बीमारियों से मरीजों को अधिक दिक्कत में डाल रहीं है। मसलन लिवर में गंभीर संक्रमण संभव है, जो मरीजों में मिल भी रहा है। उन्हें भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। डा. शिखर बाजपेयी का कहना है कि लोग बुखार में अपने मन से दवाएं खाते हैं या केमिस्ट से ले आते हैं। मरीज एडवांस एंटीबायोटिक अपने मन से खाकर आ रहे हैं। ऐसी दवाएं बुखार उतारने की खा रहे हैं जिनसे ब्लड कम होता है। कुछ बुखार रोगियों को भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। जिला अस्पताल की ओपीडी में सोमवार को मरीजों और तीमारदारों की भारी भीड़ लगी रही, पर्चा बनवाने के लिए काउंटरों पर मारामारी मची रही।
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