धर्माचरण ही आत्मकल्याण की कुंजी है:बलूनी
Lakhimpur-khiri News - गोला गोकर्णनाथ में आयोजित एक कार्यक्रम में आचार्य सुशील बलूनी ने वास्तु शास्त्र और संख्या ज्योतिष पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि जीवन का परम उद्देश्य शून्य से विभाजित होकर अनंत की प्राप्ति करना है। इस...
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गोला गोकर्णनाथ। चीनी मिल में चल रहे छह दिवसीय स्थापत्य एवं वास्तु ज्ञान के चौथे दिन कथा व्यास आचार्य सुशील बलूनी ने वास्तु शास्त्र के पूरक विषय संख्या ज्योतिष पर विस्तार से चर्चा की। आचार्य ने नौ अंकों के साथ-साथ शून्य एवं अनंत पर विशेष बल देते हुए बताया कि स्वयं को शून्य से विभाजित कर अनंत की प्राप्ति करना ही जीवन का परम उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सातों वारों के नाम से सात ग्रह हैं, इसके अतिरिक्त राहु व केतु छाया ग्रह के रूप में विद्यमान हैं। आचार्य बलुनी ने कहा कि धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है, उसे श्रेष्ठ तरीके से बताने वाला उससे भी दुर्लभ, श्रद्धा से सुनने वाला अत्यंत दुर्लभ और धर्माधर्म का आचरण करने वाला सुबुद्धिमान सबसे दुर्लभ होता है। इस अवसर पर बजाज पब्लिक स्कूल के छात्रा मोनिशा दीक्षित, आध्या शुक्ला, मनुश्री गुप्ता, अनन्या गुप्ता, आरोही राय, वर्षा देवी, नित्या अवस्थी, अनन्या सिंह, नव्या दीक्षित, अनायिका ने शिव बंदना, महाभारत गीत, मां यशोदा पर आधारित गान व नृत्य प्रस्तुत किया। बजाज ग्रुप के प्रबंध निदेशक अजय शर्मा ने आचार्य सुशील बलूनी का स्वागत किया। सहायक चीनी आयुक्त सीतापुर राजेश सिंह, यूनिट हेड जितेन्द्र सिंह जादौन, अवनी पांडेय, सहदेव सिंह, केके तिवारी, पीसी गुप्ता, पीएस चतुर्वेदी, आरके मिश्रा, अनुराग गुप्ता, अखिलेश सिंह, हरीश ज्याला, संदीप खोखर, रितेश दुबे, डीके सचान, विजय पांडेय, पिपरियाडीह निवासी कृषक कृष्ण कुमार सिंह, घरथनिया निवासी बाल गोविन्द वर्मा, विजय बाजपेई आदि मौजूद रहे।
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