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दुधवा: बाघ बने किशनपुर के ‘ब्रांड, सैलानी दे रहे नाम

Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर के दुधवा टाइगर रिजर्व में किशनपुर सेंच्युरी अब पर्यटकों के बीच खास बन गई है। यहाँ बाघों की अधिकता के कारण पर्यटक आकर्षित हो रहे हैं। एक बाघिन को 'नककटी' नाम दिया गया है। प्रशासन बाघों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीMon, 13 Jan 2025 02:42 AM
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लखीमपुर। दुधवा टाइगर रिजर्व में किशनपुर सेंच्युरी अब तक बाघों को पसन्द आ रही थी, अब सैलानियों के लिए भी सबसे खास बन गयी है। बाघों की सबसे ज्यादा साइटिंग होने की वजह से बाघ यहां के नए ब्रांड हैं। अब सैलानियों को उनके नाम सुझाने का मौका भी मिला है। सैलानियों, गाइड व स्टाफ ने मिलकर एक बाघिन का नामकरण कर दिया है। इसे नककटी नाम दिया गया है। खास बात है कि दुधवा के उप निदेशक डॉ. रंगाराजू टी ने इस बाघिन के नाम की जानकारी एक्स प्लेटफार्म पर साझा की है। दुधवा का किशनपुर क्षेत्र बाघों के दीदार के मामले में फेवरेट बना हुआ है। बड़ी संख्या में देश के विभिन्न महानगरों से सैलानी दुधवा और किशनपुर में पहुंच रहे हैं। इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा बाघ दिखते हैं। खास बात है कि किशनपुर में सैलानियों के ठहरने के इंतजाम नहीं हैं और सीधे बुकिंग भी नहीं होती। संसाधनों की कमी के बावजूद किशनपुर सेंच्युरी के लिए उसके बाघ ही उसके ब्रांड बने हुए हैं। जिनके दम पर यहां खूब सैलानी आ रहे हैं। दिसम्बर अंत से जनवरी तक यहां इतने सैलानी आए कि किशनपुर में सैलानी वाहनों के वैकल्पिक इंतजाम करने पड़े। यहां बाघों के दीदार के लिए खूब सैलानी जुट रहे हैं। अब दुधवा प्रशासन इन बाघों की और ब्रांडिंग करने की तैयारी में है। ऐसे में बाघों के नामकरण को लेकर नया प्रयोग किया जा रहा है। हालांकि वन विभाग बाघों को पहचान के बावजूद एक नंबर देता था, लेकिन अब ऐसे बाघ जो पर्यटकों को आसानी से दिखाई देते हैं, उनका नाम भी रखा जा रहा है। दुधवा टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक डॉ रंगा राजू टी का कहना है कि किशनपुर में सबसे ज्यादा दिख रही बाघिन का नाम नककटी बताते हुए एक्स पर पोस्ट भी किया है। उपनिदेशक डॉ. रंगा राजू टी का कहना है कि स्टाफ और सैलानी मिलकर तमाम बाघों को पहचान रहे हैं। उन बाघों को नाम भी दे रहे हैं। यह एक अच्छी प्रक्रिया है। इससे बाघों और सैलानियों के बीच एक रिश्ता कायम हो रहा है। हम प्रयास कर रहे हैं कि यह कोशिश जारी रहे। सैलानी अपनी फीडबैक में बाघ देखे जाने के अनुभव के साथ में उसके नाम को भी प्रस्तावित कर सकते हैं।

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