बिछड़ा शावक न मिला तो अपने पहले बच्चे को भी नहीं अपनाएगी बाघिन
Lakhimpur-khiri News - महेशपुर (लखीमपुर) की वन रेंज में बाघिन को उसके एक शावक के साथ पकड़ा गया है, जबकि दूसरा शावक लापता है। वन विभाग की सात टीमें लापता शावक की तलाश कर रही हैं। जानकारों का कहना है कि अगर जल्दी शावक नहीं...

महेशपुर (लखीमपुर)। दक्षिण खीरी के महेशपुर वन रेंज में दहशत का पर्याय बनी बाघिन को उसके एक शावक के साथ वन विभाग ने पकड़ लिया लेकिन उसका दूसरा शावक अब भी लापता है। ऐसे में विभाग की सात टीमें शावक की तलाश में लगी हैं। जानकारों का कहना है कि बाघिन को जल्द उसका दूसरा शावक नहीं मिला तो उसके स्वभाव में बदलाव आ जाएगा। इसके बाद इस बात की भी आशंका है कि बाघिन अपने साथ रह रहे शावक को भी न अपना पाए। सितंबर 2024 तक दो किसानों को मार चुकी बाघिन को कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने महेशपुर के पास बुधवार को पकड़ा था। बाघिन अपने दो शावकों के साथ जंगल के बाहर थी। उसने एक किसान को फिर जख्मी किया था। इस बार बाघिन की मौजूदगी का मामला मुख्यमंत्री के कार्यालय तक गया। इसके बाद वन विभाग ने दुधवा और कतर्निया घाट के विशेषज्ञों व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के अधिकारियों के साथ मिलकर अभियान चलाया। सात दिन के अभियान के बाद वन विभाग ने बाघिन को ट्रैंकुलाइज करके पकड़ लिया। साथ ही उसके एक शावक को भी जाल डालकर दबोच लिया गया। पर इस अफरातफरी में उसका दूसरा शावक गायब हो गया। मौजूदा समय में बाघिन को उसके शावक के साथ पिंजरे में रखा गया है। वहीं उनको गोश्त व पानी आदि दिया जा रहा है। डीएफओ के निर्देश पर सात टीमें लापता शावक को तलाश कर रही हैं। इसमें हाथियों को भी लगाया गया है। विभाग का अनुमान है कि शावक अभी दूर नहीं गया होगा। वह भी अपनी मां को तलाश रहा होगा। जानकारों का कहना है कि बाघिन अपने शावक से दूर नहीं रह सकती। अगर उसका दूसरा शावक जल्दी न मिला तो उसका स्वभाव बदल सकता है। आशंका है कि फिर वह पहले शावक को भी नहीं अपना पाएगी। यही नहीं, मां से बिछड़े शावक की परवहिश का भी सवाल है। पांच माह की करीब उम्र का शावक अपनी मां के बिना जिंदगी कैसे जी पाएगा, यह सवाल वन विभाग को मथ रहा है।
डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि बिना शावक के बाघिन को बाहर भेजा जाना ठीक नहीं है। हालांकि बाघिन को दूसरे जंगल भेजने का आदेश आ गया है। इसके बाद भी हमारी टीम लापता हुए शावक की तलाश में लगी है। हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द शावक पकड़ में आ जाए तो उसे मां के सुपुर्द कर दिया जाए।
महाराजगंज के जंगल में भेजने का आदेश
डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि बाघिन को पकड़े जाने के बाद चीफ कंजर्वेटर लखनऊ रेणु सिंह ने भी मुआयना किया था। इसके बाद प्रकरण उच्चाधिकारियों तक गया। ज्यादा दिनों तक बाघिन और शावक को पिंजरे में बंद नहीं रखा जा सकता। डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि बाघिन और उसके साथ पकड़े गए शावक को महराजगंज जिले सुहागी बरुआ में छोड़ने का आदेश आ गया है। तब तक लापता शावक की तलाश जारी रहेगी। जंगल में छोड़े जाने के बाद उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा। इसके बाद एसडीओ अभय प्रताप सिंह, रेंजर, वन कर्मियों और पशु चिकित्सकों की निगरानी में दोनों को रेस्क्यू वैन से रवाना किया जाएगा।
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