पिंजरे में कैद बाघ को कतर्निया घाट में छोड़ा गया
चौखड़ा फार्म पर एक ग्रामीण को निवाला बनाने वाले बाघ को पकड़े जाने के दो दिन बाद, उसे कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में छोड़ दिया गया। पिजरे का गेट खुलते ही बाघ ने जंगल में छलांग लगाई और गुम हो गया।...
चौखड़ा फार्म पर खेत पर काम करते समय एक ग्रामीण को निवाला बनाने वाले बाघ को पकड़े जाने के दो दिन बाद शुक्रवार को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में छोड़ दिया गया है। पिंजरे का गेट खुलते ही बाघ छलांग मारकर जंगल में गुम हो गया। बता दें कि 13 नवंबर को चौखड़ा फार्म में लगाए गए पिंजरे में कैद हुए बाघ को पकड़ने के बाद मझगई रेंज कार्यालय लाया गया था और उसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को देते हुए अग्रिम कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश मांगा गया था। लखनऊ में बैठे विभागीय अधिकारी दो दिन बाद इस संबंध में निर्णय ले पाए कि बाघ को कहां पर छोड़ा जाना है। इस वजह से बाघ दो दिन तक पिजरे में कैद रहकर मझगई रेंज कार्यालय में रखा गया। गुरुवार की देर शाम जब यह निर्णय हो गया कि पकड़े गए बाघ को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में छोड़ा जाना है तो उसकी तैयारी शुरू की गई। शुक्रवार की सुबह डीडी बफरजोन सौरीष सहाय व अन्य अधिकारी मझगई रेंज कार्यालय पहुंचे और बाघ को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार ले जाने की प्रक्रिया शुरू की। दोपहर बाद सभी अधिकारी बाघ को पिजरे सहित लेकर कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार पहुंच गए और जंगल में बाघ को छोड़ दिया। बताया गया है कि जैसे ही पिजरे का गेट खोला गया बाघ छलांग मारकर जंगल में चला गया। कुछ दूर तक तो टीम उसे देखती रही पर बाद में वह जंगल में गुम हो गया। इस संबंध में डीडी बफरजोन सौरीष सहाय ने बताया कि विभाग के उच्च अधिकारियों ने बाघ को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार में छोड़ने के निर्देश दिए ते जिसके क्रम में बाघ को वहां के जंगल में छोड़ दिया गया है।
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