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12 दिन बाद भी पकड़ा नहीं जा सका हमलावर बाघ

लखीमपुर के इमलिया गांव में 27 अगस्त को बाघ ने किसान अमरीश को मार डाला। इसके बाद वन विभाग की टीम ने कांबिंग शुरू की, लेकिन अब तक बाघ नहीं मिला। टीम ने कई प्रयास किए और चार पिंजरे तथा 24 कैमरे लगाए, फिर...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीMon, 9 Sep 2024 08:41 PM
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लखीमपुर/महेशपुर। दक्षिण खीरी के इमलिया गांव के स्कूल से कुछ ही दूरी पर 27 अगस्त को बाघ ने किसान को निवाला बनाया था। वन विभाग की टीम एहतियातन यहां मौजूद है। अचानक सूचना मिली कि तीन किलोमीटर दूर शहाबुद्दीनपुर के पास एक महिला ने बाघ देखा है। जीप पर सवार होकर वन विभाग की टीम निकल पड़ी। टीम में शामिल किसी कर्मचारी ने वर्दी नहीं पहन रखी थी तो कई कर्मियों ने तो जूते तक नहीं पहने थे। पूछने पर बताया कि सुबह से कांबिंग कर रहे हैं, वर्दी पहनने का समय नहीं मिला। डिप्टी रेंजर, वन दरोगा की टीम उस गांव पहुंची, जहां बाघ की मौजूदगी बताई जा रही है। टीम के दो सदस्य पतला सा डंडा लेकर उतरे मानो वे बाघ नहीं, किसी पालतू जानवर को हाकने जा रहे हैं। टीम ने कुछ देर तक इधर-उधर डंडा फटकारा। फिर यह नतीजा निकाला कि बाघ नहीं है बल्कि सिर्फ अफवाह थी।

यह सीन एक दिन का नहीं बल्कि लगभग रोज का है। ऑपरेशन टाइगर में हमलावर बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग की बड़ी टीम लगी है। पीटीआर से एक्सपर्ट डा. दक्ष गंगवार अपनी टीम के साथ अलग जाते हैं। उनके साथ डीएफओ संजय विश्वाल भी कमान संभाले हैं। वह लगभग हर सुबह-शाम को लखीमपुर से इमलिया और अजान गांव तक आ रहे हैं। उधर, महेशपुर रेंज की एक टीम अलग से कांबिंग कर रही है। महेशपुर वाली टीम की कांबिंग भगवान भरोसे है। शासन की निगाह के बाद भी वन विभाग महेशपुर रेंज की टीम अपना रवैया नहीं बदल पा रही है। टीम वैसे ही कांबिंग कर रही है, जैसे सामान्य तौर पर बाघ दिखने पर करती है। उधर बाघ को ट्रैंकुलाइज करने वाली टीम के लिए गन्ना बाधा बना हुआ है।

तमाम कवायद के बाद भी नतीजा नहीं

27 अगस्त को महेशपुर रेंज और थाना हैदराबाद के गांव इमलिया में अमरीश को बाघ ने निवाला बना डाला था। घटना के दूसरे दिन से ही रेंजर नरेशपाल सिंह ने अपनी टीम के साथ गांव में डेरा डाल दिया। वन टीम ने बाघ को पकड़ने के लिये कई जतन किये लेकिन सफलता हाथ नही लगी। अब वन टीम लगातार इमलिया गांव की काम्बिंग कर रही है। लेकिन घटना हुए धीरे धीरे दो सप्ताह बीत रहे है। लेकिन नतीजा जीरो ही निकला है। हालांकि वन टीम ने बाघ को पकड़ने के लिये चार पिंजरे और लोकेशन ट्रेस करने के लिये करीब 24 कैमरे लगाये हैं।

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