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कहीं कमी तो कहीं कालाबाजारी, प्रशासन लापरवाह जिले में हाहाकार

जिले में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरीके से चरमरा गई है। कहीं बेड नहीं हैं तो...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीTue, 27 April 2021 03:10 AM
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लखीमपुर खीरी।

जिले में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या से जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरीके से चरमरा गई है। कहीं बेड नहीं हैं तो कहीं ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है। प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है। लोगों की जाने जा रही हैं। मरघट पर पांव रखने तक की जगह नहीं बची है। चारों तरफ लाशों के ढेर लगे हुए हैं। लेकिन फिर भी अफसर अपनी कुंभकरणी नींद से बाहर आने का नाम नहीं ले रहे हैं। अभी भी लोगों की मदद करने के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाए जा रहे हैं।

शनिवार की शाम कुछ लोग शिखर हॉस्पिटल में ऑक्सीजन लेने पहुंच गए। लेकिन यहां हॉस्पिटल के पास ही पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है। हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने ऑक्सीजन देने से मना कर दिया। इस पर बवाल होने लगा। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा कर शांत कराया। तब कहीं जाकर बवाल काबू में हुआ। वही दूसरी तरफ एक टीचर की हालत रात को अचानक बिगड़ गई। परिजन उनको लेकर जिला अस्पताल गए। जिला अस्पताल में टीचर को कोई इलाज नहीं मिला। घरवालों ने किसी तरह ऑक्सीजन सिलेंडर का जुगाड़ किया। तब कही जाकर उनका इलाज शुरू हुआ और देर रात उनकी मौत हो गई। दोपहर एक महिला जिला अस्पताल पहुंची। उनको सांस लेने में तकलीफ थी। लेकिन दोपहर का दो बज चुका था तो डॉक्टरों ने यह कहकर भर्ती करने से मना कर दिया कि अब पर्चे बनना बंद हो गए हैं। हालांकि जब महिला के परिजनों ने बाद में किसी से पैरवी करवाई तो उनको जिला अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। अब उनका इलाज जारी है। यही हाल रविवार को जगसड़ का था। यहां दो कोरोना मरीजों को भर्ती कराना था। दोनों को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। बाहर आक्सीजन का जुगाड़ भी नहीं हो पा रहा था। घरवाले दोनों मरीजों को लेकर जगसड़ गए। यहां पता चला कि सिर्फ एक ही बेड खाली है। दूसरा मरीज यहां भर्ती नहीं हो सकता। यह सुनते ही परिजनों के दिल पर पहाड़ टूट पड़ा। वह बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर का जुगाड़ करने में जुट गए। गनीमत रही कि समय पर उनको गैस सिलेंडर मिल गया और उनकी किसी तरह जान बच सकी।

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शहर में ऑक्सीजन की कालाबाजारी चरम पर

::रविवार को सूचना मिली कि पलिया बस अड्डा के पास एक ऑक्सीजन सिलेंडर विक्रेता की दुकान है। यहां ऑक्सीजन सिलेंडर आने वाले हैं। सूचना पाकर जरूरतमंद लोग यहां पहुंचने लगे। हिंदुस्तान की टीम भी हालत जानने पहुंची। तो यहां का नजारा कुछ और था। छोटे वाले ऑक्सीजन सिलेंडर दो दो हजार में बेंचे जा रहे थे। लोग यह सिलेंडर लेकर निजी एंबुलेंस से जा रहे थे। कुछ प्राइवेट नर्सिंग होम के लोग भी खड़े हुए थे। यहां जब ऑक्सीजन का रेट पूछा गया तो बाकी खड़े लोगों ने टोका टाकी शुरू कर दी। लोगों का कहना था कि ज्यादा पूछताछ मत करो। जिस रेट में मिल रहा है ले लो। नहीं तो यह भी मिलनी बंद हो जाएगी। कुछ देर में यहां पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने कालाबाजारी पर रोक लगवाई और दुकान बंद करवा दी। पुलिस ने दुकानदार को सख्त हिदायत दी कि ऑक्सीजन सिलेंडर नियमानुसार बिकेंगे। अगर स्टॉक में गड़बड़ी मिली तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी।

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