कई महीनों से लिखी जा रही थी विरोध की पटकथा

यूं ही नहीं था नगर पालिका बोर्ड में सदस्यों का विरोधयूं ही नहीं था नगर पालिका बोर्ड में सदस्यों का विरोध सदस्यों की अनदेखी भी थी एक बड़ा कारण दो साल में हुई सिर्फ तीन बैठकें फोटो नंबर-14 पिछले बैठक...

हिन्दुस्तान टीम लखीमपुरखीरीSun, 18 Aug 2019 12:40 AM
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नगर पालिका का कार्यकाल लगभग दो वर्ष पूरे करने जा रहा है। तीसरी बैठक हुई तो बोर्ड के सदस्यों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। विरोध यहां तक कि कुछ सदस्यों ने सड़क तक को जाम कर दिया। हंगामे को देख नगर पालिका अध्यक्ष को पुलिस भी बुलानी पड़ी। इसके बाद बैठक बिना किसी नतीजे स्थगित हो गई।

यह सब कई सवाल भी छोड़ गया कि नगर पालिका प्रबंधन में सबकुछ ठीक से नहीं चल रहा है।बीती चौदह अगस्त को विकास कार्यों के लिए नगर पालिका की बैठक थी। इस बैठक में कई विकास कार्यों पर मुहर लगनी थी। बैठक शुरू होते ही नगर पालिका के सदस्यों ने पहले अंदर फिर बाहर हंगामा शुरू कर दिया। विरोध इतना तीव्र था कि कुछ लोग सड़कों पर उतर आए नगर पालिका के सामने रोड जाम कर दी। नगर पालिका अध्यक्ष को पुलिस बुलानी पड़ी। तमाम सदस्यों ने बताया कि नगर पालिका में सारे काम बिना नियम के ही हो रहे हैं। मीटिंग प्रत्येक माह होनी चाहिए इसमें विकास कार्यों पर चर्चा होनी चाहिए लेकिन प्रत्येक महीने न सही तो तीन महीने में एक बार तो हो ही सकती है।

नहीं गठित हुई कमेटियां

पिछली बैठक में ही सदस्यों ने कमेटियां गठित करने की मांग की थी। इन कमेटियों में बिजली, जलकल, निर्माण, वित्त और उद्यान की कमेटियां होती हैं कमेटियों के माध्यम से सदस्य अपने वार्ड में होने वाले विकास कार्यों को रखते हैं लेकिन न कमेटियां गठित हुई और न ही पिछले दस माह से कोई बैठक हुई तो सदस्य अपने वार्ड की समस्याएं उठाएं भी तो कैसे।

ईओ के विरोध में एक गुट

कुछ सदस्यों की मानें तो नए ईओ को लेकर भी एक लाबी विरोध में थी यह लाबी ईओ के गोला के कार्यकाल पर असंतोष व्यक्त कर रही थी। हालांकि सदस्यों के विरोध का तरीका ठीक नहीं होने के कारण उल्टे दोषी भी हंगामा करने वाले ही ठहराए गए लेकिन सदस्यों का हंगामा यूं ही नहीं था। पिछले समय से नगर पालिका में विकास कार्य जिस तरह से हुए उनको लेकर सदस्यों के मन में विरोध है।

नगर पालिका अध्यक्ष इस विरोध को समझ नहीं पाई समय रहते यदि सदस्यों के विरोध को नहीं समझा गया तो विकास कार्यों के प्रस्ताव ही नहीं हो पाएंगे और इसका खामियाजा शहर की जनता को भुगतना पड़ेगा। शहर के विकास कार्यों के लिए बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। उसमें कुछ सभासदों ने हंगामा कर दिया। सभासदों को पटल पर आकर अपनी बात कहनी चाहिए थी। इस तरह हंगामा कर बैठक रद कराना किसी के हित में नहीं है।निरुपमा वाजपेयी, अध्यक्ष नगरपालिका

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