कोरोना काल में ईंट-भट्ठा उद्योग को लगा दोहरा झटका
कोरोना काल में ईट भट्ठा उद्योग को लगा दोहरा झटकाट्ठा उद्योग को लगा दोहरा झटका = कोरोना काल में बंद पड़े ईट भट्ठों पर बरसात की मार = निर्माण कार्य...
मितौली/ लखीमपुर-खीरी। संवाददाता
कोरोना काल में ईंट-उद्योग को भी करारा झटका लगा है। मजदूरों के पलायन से जहां ईंट उद्योग ठप हुआ है। वहीं निर्माण कार्य बंद होने से ईंट बिक्री पर भी ब्रेक लग लगा है। खरीदार न होने से ईंट के दाम भी घट गए है। इससे ईंट-भट्ठा कारोबारियों को लाखों का नुकसान झेलना पड़ रहा है। कोरोना की चोट खाए भट्ठा मालिकों को बेमौसम बरसात ने और ज्यादा घाव दिए है।
खीरी जिले में करीब 250 ईंट-भट्ठे संचालित हैं। प्रशासन के कड़े रुख के बाद अपनी रायल्टी जमा कर कारोबार को युद्धस्तर पर अंजाम दे रहे थे। ईंट की पथाई करके बारिश से पहले अधिक से अधिक ईंटे संरक्षित करने की कोशिश में लगे थे। पिछले साल कोरोना संक्रमण के बीच जून-जुलाई में हुई जबरदस्त बारिश के नुकसान की भरपाई में इस बार ईंट-भट्ठा कारोबारी तेजी से जुटे थे। ईंट भट्ठा संचालकों ने बताया कि कोरोना की वजह से उनका कारोबार थम सा गया। कोई भी काम न होने से खरीदार नहीं मिल पा रहे है। ऐसे में वह कर्जदार होते जा रहे हैं। कोरोना काल में बार-बार बारिश होने से भट्ठा कारोबारियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। सरकारी काम के बंद होने की वजह से ईंट की ब्रिकी काफी प्रभावित है। इस वजह से ईंट करीब एक हजार रुपए सस्ती हो गई है। 5500 में बिकने वाली ईंट 4500 तक पहुंच गई है। ईंट उद्योग के जरूरी खर्चों के लिए भट्ठा मालिक सस्ते में ईटें बेच रहे है।
बरसात ने लगाई लाखों की चपत
कोरोना में मंदी की मार झेल रहे ईंट कारोबारियों पर तीन दिन पहले हुई असमय बरसात कहर बनकर टूट पड़ी है। इससे ईंट कारोबारियों को लाखों की चपत लगी है। कोरोना के कारण पलायन होने से बचे मजदूर भी बरसात के कारण घर वापसी कर गए। बिना मौसम बरसात ने सारे किए पर पानी फेर दिया। बरसात ने करोड़ों के कारोबार को चौपट कर दिया। ईंटों के ढेर मलबे में तब्दील हो गए है।
बोले कारोबारी
कोरोना काल में ईंट भट्टा कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकारी निर्माण कार्य ठप होने से ईंट की बिक्री बहुत कम है। इस वजह से ईंट-भट्ठे के तमाम खर्चे चलाने के लिए मजबूरी बस सस्ते दामों में ईंट बेचनी पड़ रही है। वहीं बारिश ने भी ईंट कारोबारियों की कमर तोड़ दी है।
नरेंद्र सिंह, अध्यक्ष ईंट भट्ठा एसोसिएशन
बेमौसम बारिश से ईंट उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष के घाटे की भरपाई में लगे ईंट-भट्ठा कारोबारियों पर एक बार फिर बारिश ने कहर बरपा दिया है। कोरोना काल में मंदी के दौर से गुजर रहे कारोबार के कारण कई ईंट उद्योग बंदी की कगार पर खड़े है। सरकार को उद्योग बचाने के लिए रायल्टी आदि टैक्स में छूट देनी चाहिए।
सुयश अग्रवाल, महामंत्री, ईंट भट्ठा एसोसिएशन
सरकारी काम बंद होने से मंदी के दौर से गुजर रहे ईंट उद्योग को एक राहत पैकेज की दरकार है। कोरोना काल में जहां ईट कारोबारियों को उद्योग से जुड़े तमाम खर्चे चलाने में मुश्किलें हो रहीं है वहीं बेमौसम बारिश कहर ढा रही है। निर्माण कार्य लगभग बंद होने की वजह से ईंट की ब्रिकी काफी प्रभावित है।
प्रदीप शुक्ला, ईंट-भट्ठा कारोबारी
कोरोना कॉल में मंदी के दौर से गुजर रहे ईंट उद्योग को सरकार की ओर से एक राहत पैकेज मिलना चाहिए। पिछले साल जून जुलाई की बारिश ने जहां ईट कारोबार को चौपट कर दिया, वहीं इस वर्ष तीन दिन पहले हुई बारिश से नुकसान हुआ है। लगातार नुकसान और मंदी की मार झेल रहे ईंट कारोबारियों को को रायल्टी, टैक्स, कोयला आदि में छूट मिलनी चाहिए।
विजय केशवानी, कोषाध्यक्ष, ईंट भट्ठा एसोसिएशन
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।