बिना मूल्य के ही मिलों को गन्ना बेच रहे किसान
गन्ने का मूल्य निर्धारित न होने से किसान चिंतित हैं। अजबापुर शुगर मिल का पेराई सत्र 25 अक्टूबर से शुरू हो चुका है, लेकिन किसान बिना रेट के गन्ना सप्लाई कर रहे हैं। लागत बढ़ने के बावजूद गन्ने का बिक्री...
गन्ने का मूल्य निर्धारित न होने से किसान चिंतित है। क्षेत्रीय शुगर मिल अजबापुर का वर्ष 2024- 25 का पेराई सत्र 25 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है। बिना रेट के ही किसान मिल को अपनी खून पसीने की कमाई गन्ना सप्लाई कर रहे हैं। गन्ने का रेट पता न होने से किसान चिंतित दिखाई दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि गन्ने में लागत ज्यादा आती है। उसके हिसाब से इसका रेट मिलना नामुमकिन सा लग रहा है। किसानों के गन्ने की लागत तो बढ़ रही है। लेकिन बिक्री का रेट नहीं बढ़ रहा है। जिससे किसानों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार सामने आ रहा है। किसानों के द्वारा खून पसीने से तैयार की जाने वाली गन्ने की फसल का वाजिब रेट नहीं मिल पा रहा। इस वजह से किसान गन्ने की खेती करने से पीछे हट रहे हैं। सर्दी गर्मी बरसात में गन्ने की फसल के लिए कड़ी मेहनत करने वाले किसानों को अपने ही फसल का रेट पता न होना एक चिंता का विषय बना हुआ है। जबकि अन्य फसलों का रेट पहले से ही बता दिया जाता है। इससे किसानों के चेहरे पर बड़ी मायूसी देखने को मिल रही है।अन्नदाता कहा जाने वाला किसान इसमें खुद को ठगा महसूस कर रहा है। एक तरफ सरकार के द्वारा किसानों के हित की बात कही जा रही है तो दूसरी तरफ किसानों की फसलों का रेट तक नहीं बताया जा रहा है। आखिर बगैर रेट बताएं किसानों का गन्ना क्यों खरीदा जा रहा है। एक तरफ गन्ना किसानों का छिलाई से लेकर ट्रैक्टर ट्राली का भाड़ा भी देना पड़ रहा है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।