श्रीधाम वृंदावन के कलाकारों ने दिखाई रासलीला
Lakhimpur-khiri News - ईसानगर के सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में वार्षिकोत्सव के अवसर पर रासमण्डल के कलाकारों ने मोहक झांकी प्रस्तुत की। श्रद्धालुओं ने झांकी का दर्शन कर पूजा अर्चना की। संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ से कार्यक्रम...

ईसानगर के सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर के वार्षिकोत्सव के उपलक्ष्य में रासमण्डल के कलाकारों ने बांकेबिहारी की मोहक झांकी प्रस्तुत की। श्रद्धालुओं ने झांकी दर्शन कर पूजा अर्चना की। भावपूर्ण मंचन देख भक्त भाव विभोर हो गए। इसका शुभारम्भ संगीतमय हनुमान चालीसा पाठ से हुआ। वृन्दावन धाम से आए रासमण्डल के कलाकारों ने प्रस्तुत मोहक झांकी, आरती, मयूर नृत्य देखने को श्रद्धालु देर रात तक डटे रहे। कृष्ण की विभिन्न बाल लीलाओं की झलकियों के साथ मोरध्वज प्रसंग की लीला का मंचन किया गया। भावपूर्ण मंचन में भगवान कृष्ण और अर्जुन मोरध्वज की परीक्षा लेने साधु वेश धारकर पहुंचते हैं। मोरध्वज से भिक्षा में उनके पुत्र को आरे से काटकर अपने शेर के आगे भोजन की तरह परोसने की भिक्षा मांग ली। साथ ही इस शर्त के साथ कि आरा चलाते समय किसी की आंख से आंसू न आएं। व्याकुल मोरध्वज से सारा हाल सुनकर पत्नी की आँखो से आंसुओं की धार फूट पड़ती है। पतिव्रता रानी राजा की इस दशा को देख नही सकीं। वह बोलीं कि स्वामी कोई बात नही है आप अपना वचन निभाओ। दोनों पुत्र की बलि दे देते हैं। उधर भोजन के समय पुत्र को भी थाल लगाने के लिए राजा से कहते हैं और मोरध्वज से बेटे को आवाज लगाकर बुलाने के लिए कहते हैं। इसी बीच भगवान राजा और रानी से प्रसन्न होकर अपने वास्तविक चतुर्भुज रूप में प्रगट हो जाते हैं। दरबार में भगवान कृष्ण की जय जयकार से महल के साथ पूरा पांडाल गूंज उठता है। कार्यक्रम में अध्यक्ष श्रीकान्त मिश्र ने महाशिवरात्रि के दिन श्री सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंचकर पूजन के लिए आमंत्रित किया।
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