Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखीमपुरखीरीSevere Flooding in Lakhimpur Ghaghra and Sharda Rivers Threaten Villages

सुहेली, शारदा उफान पर, घाघरा-मोहाना काट रही जमीन

लखीमपुर जिले में शारदा और सुहेली नदियाँ उफान पर हैं। कई गाँव कटान की चपेट में हैं। घाघरा नदी ने पिछले दो दशकों में कई गाँवों को बहा दिया है। प्रशासन कटान रोकने के प्रयास कर रहा है, लेकिन गाँव वालों...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीMon, 26 Aug 2024 11:52 PM
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लखीमपुर/रमियाबेहड़। जिले में शारदा, सुहेली नदी उफान पर है। एनएच 731 पर शारदा का पानी पहले से चल रहा था। अब पलिया-निघासन रोड पर सुहेली का पानी भी आ गया है। उधर शारदा नदी ने बेलहा सकटिया में कटान तेज कर दिया है। वहां नदी एक और घर काटकर ले गई। भारत नेपाल सीमा क्षेत्र में मोहाना नदी ने भी कटान तेज कर दिया है। कई गांव निशाने पर हैं। उधर, धौरहरा के देवीपुरवा और माथुरपुर गांव की ओर घाघरा नदी कटान करते हुए बढ़ रही है। गांव वालों में दहशत है। कटान रोकने के लिए बाढ़खंड ने करोड़ों रुपये खर्च किया। इसके बाद भी कटान नहीं रुक रहा है। लहलहाती सैकड़ों हेक्टेयर फसल नदी में समा रही है। गांव वालों का कहना है कि कटान रोकने के लिए अगर ठोस कदम नहीं उठाया गया तो जल्द ही मुहाने पर आए सभी गांवों का वजूद खत्म हो जाएगा।

घाघरा नदी में पिछले दो दशक के अंदर कई गांव समा चुके हैं। इसमें से माथुरपुर, सहजदिया और मोटे बाबा गांव अब फिर घाघरा नदी के निशाने पर आ गए हैं। यह तीनों गांव एक दशक पूर्व घाघरा में समा गए थे। यहां के कटान पीड़ित सभी ग्रामीण नदी से दूर सुरक्षित स्थानों पर जैसे तैसे अपना-अपना आशियाना बनाकर गुजर बसर कर रहे थे। कुदरत को शायद यह भी मंजूर नहीं हुआ। घाघरा ने जबरदस्त कटान कर कोसों दूर बसे तीनों गांवों को एक बार फिर अपने निशाने पर ले लिया है। घाघरा नदी इन दिनों सुजानपुर, देवीपुरवा, माथुरपुर, सहजदिया, लालापुर, मोटे बाबा, रामनगर बगहा और गुलरिहा तालुके अमेठी, तेलियाघाट में कटान कर रही है। इसमें माथुरपुर और देवीपुरवा गांव पर कटान का खतरा मंडराने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि कटान रोकने के लिए दिन में बांस बल्ली और बोरियों में मिट्टी भर कर डाली जाती हैं और रात में नदी सब कुछ बहा ले जाती है। गांव वालों का कहना है कि यदि समय रहते शासन प्रशासन के द्वारा कटान रोधक कार्य के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो करीब एक हजार परिवार बेघर हो जाएंगे। एसडीओ बीडी गौतम ने बताया कि कटान रोधक कार्य पर चल रहा है। गांव को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहें हैं।

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