नदी नाले सूखे, वाटर होल में पानी पी रहे बाघ
गर्मी में नदी-नाले सूख गए हैं। ऐसे में वन विभाग के वाटर होल काम आ रहे हैं। यहां तक कि बाघ भी इन्हीं वाटर होल से पानी पी रहे हैं। वन विभाग के कैमरे...
महेशपुर खीरी।
गर्मी में नदी-नाले सूख गए हैं। ऐसे में वन विभाग के वाटर होल काम आ रहे हैं। यहां तक कि बाघ भी इन्हीं वाटर होल से पानी पी रहे हैं। वन विभाग के कैमरे में वाटर होल से पानी पीते बाघ की तस्वीर कैद हुई है।
मोहम्मदी (महेशपुर) वन क्षेत्र के जंगलों से अब पानी पीने के लिये बाघ सहित जंगली जानवर जंगल से बाहर नहीं निकलेंगे, क्योंकि अब वाटर होल में टैंकरों से पानी भरा जा रहा है। जंगल में ही पानी मिल जाने से अब मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर विराम लग जायेगा। महेशपुर में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अलावा तेंदुए भी बढ़ रहे हैं। बाघ जंगल से पानी पीने के लिये बाहर न निकले, इसके लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी थी। वन विभाग ने जंगल के अंदर दस वाटर होल बनवाये, जिसमें देवीपुर बीट में चार, सहजनिया बीट में तीन, महेशपुर, आंवला, मूड़ा गालिब बीट में एक-एक वाटर होल बनवाया गया। विभाग की मेहनत रंग लाई और वाटर होल में पानी पीने के लिये जाते हुए बाघ की तस्वीर कैमरों में कैद हो गई। इस तस्वीर को देखकर विभाग में खुशी की है। विभाग का मानना है कि अब जब जंगल में ही पानी मिलेगा तो बाघ जंगल से बाहर नहीं जायेगा और मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनाएं भी न्यूनतम हो जाएगी। रेंजर मोबिन आरिफ ने बताया कि देवीपुर ,आंवला, मूड़ा ग़ालिब, महेशपुर बीट में बने वाटर होलो में पानी टैंकरों से भरवाया जा रहा है। पानी शुद्ध और ठंडा बना रहे। इसके पानी हर दूसरे और तीसरे दिन भरवाया जा रहा है।
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