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गांव पहुंची तकनीकी विशेषज्ञों की टीम, आईआईटी कानपुर करेगा सैंपल जांच

Lakhimpur-khiri News - ईसानगर ब्लॉक के शेखपुर गांव में तीन करोड़ रुपये की लागत से बना ओवरहेड पानी का टैंक ध्वस्त हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया है और जांच के लिए विशेष टीम भेजी है। ग्रामीणों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीSun, 27 April 2025 11:20 PM
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गांव पहुंची तकनीकी विशेषज्ञों की टीम, आईआईटी कानपुर करेगा सैंपल जांच

खमरिया/ईसानगर। ईसानगर ब्लॉक के शेखपुर गांव में करीब सवा तीन करोड़ रुपयों की लागत से बना ओवरहेड पानी का टैंक धराशाई हो गया। शेखपुर की घटना का सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। शासन ने मामले की जांच के लिए रविवार को विशेष टीम गांव पहुंची। टीम ने वहां निर्माण सामग्री के सैंपल लिए, जिनकी जांच आईआईटी कानपुर से होगी। टीम ने ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए। उधर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने ईसानगर की घटना के बाद जिले भर के सभी निर्माणाधीन और बन चुके वाटर टैंक के सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए हैं। तीन दिनों के अंदर यह जांच पूरी की जाएगी। 30 अप्रैल को डीएम ने रिपोर्ट तलब की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लखनऊ से सीनियर टेम्निकल सलाहकार विश्व दीपक व हरपाल की अगुआई में अलग अलग विभागों के तकनीकी विशेषज्ञ रविवार को शेखपुर पहुंचे। टेक्निकल एक्सपर्ट की टीम ने सबसे पहले मौके का मुआयना किया। टीम के लोगों ने ग्रामीणों से बात की। उनके बयान दर्ज किए। बयानों के दौरान ग्रामीणों में भारी नाराजगी देखी। अफसरों के सामने ग्रामीणों ने जिम्मेदार स्थानीय अफसरों की कारस्तानियां भी बताई। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने स्थानीय अधिकारियों के बयान दर्ज किए। टीम ने यह भी जाना कि पिछले एक सप्ताह में ओवरहेड टैंक में किस दिन कितना पानी भरा गया। जेई महेंद्र कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञों को बताया कि टैंक में करीब 40 फीसद पानी भरा जा रहा था। अलबत्ता जेई महेंद्र कुमार यह बता पाने में नाकामयाब रहे कि 40 फीसदी पानी भरे जाने की रीडिंग उन्होंने किस तरीके से हासिल की। तकनीकी टीम को मौके पर मैनुअल या डिजिटल कोई भी ऐसा वाटरगेज लगा नहीं मिला। जिससे ओवरहेड टैंक में पानी के लेवल का पता लगता हो। इस सवाल पर जेई महेंद्र कुमार ने तकनीकी विशेषज्ञों को बताया कि टैंक ढहने से वाटरगेज टूट गया। टीम के लोग जेई के इस सवाल के जवाब से पूरी तरह असंतुष्ट नजर आए और फटकार लगाई। शासन से आई तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने ओवरहेड वाटर टैंक,बाउंड्री वाल,कक्ष और मलबे के सैम्पल लिए। लिए गए सैम्पल निर्माण कार्य में गुणवत्ता की परख के लिए लैब भेजे जाएंगे।

रास्तों की मरम्मत कराकर पहले जैसा किया जाएगा

शेखपुर गांव में पानी की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन डालने के दौरान गांव के सारे रास्ते खोद डाले गए। टैंक ढहने के बाद जांच के लिए शासन स्तर से आई टीम को इस मुद्दे पर ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। शासन के सीनियर टेक्निकल एडवाइजर विश्व दीपक और हरपाल को ग्रामीणों ने अपनी व्यथा बताई। खराब रास्ते भी दिखाए। इस पर सीनियर टेक्निकल एडवाइजर विश्व दीपक ने लोगों को बताया कि नियम है कि कार्यदायी संस्था खोदे गए रास्तों की मरम्मत कर उन्हें पहले जैसा बनाएगी। उन्होंने कहा ऐसा न करने वाले लोगों पर कार्रवाई होगी। ग्रामीणों को उन्होंने भरोसा दिया कि सभी रास्ते कार्यदायी संस्था दुरुस्त कराएगी। वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार ने कहा कि ग्राम प्रधान ऐसे रास्तों की सूची उपलब्ध करा दें। जिससे सभी रास्तों की मरम्मत कराई जा सके।

ग्रामीणों ने उठाए थे गुणवत्ता पर सवाल,जिम्मेदार रहे मौन

शेखपुर में जिस वक्त प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत ओवरहेड टैंक का निर्माण शुरू हुआ था। ग्रामीण तब से लगातार गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे थे। खराब गुणवत्ता के चलते ग्रामीणों ने एक बार काम बंद करा दिया था। पर ठेकेदार ने ईसानगर थाने से पुलिस बुला ली। पुलिस ने बिना किसी लीगल आदेश के मौके पर रुककर पाइप लाइन डलवाई थी। पुलिस के हस्तक्षेप की वजह से ग्रामीण चुप हो गए थे। मगर शनिवार को टैंक ध्वस्त होने के बाद ग्रामीणों के स्वर मुखर हो गए। शेखपुर ल लोगों ने एक स्वर में दोषियों पर सख्त कार्रवाई और रिकवरी की मांग की है।

रात में काम कराने गए अधिकारियों और मजदूरों को ग्रामीणों ने रोका

ईसानगर की घटना के बाद शनिवार रात अधिकारी 50 मजदूर लेकर रात में साइट पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने जांच पूरी होने तक काम होने से रोक दिया। शेखपुर में ओवरहेड वाटर टैंक धराशाई होने के बाद देर रात विभागीय अधिकारी 50 मजदूरों को लेकर गांव पहुंचे। रात के अंधेरे में अधिकारियों ने मजदूरों से काम शुरू करवा दिया। ग्रामीणों को भनक लगी तप दर्जनों लोग परिसर में पहुंच गए। स्थानीय नागरिकों ने टैंक गिरने की जांच पूरी होने तक काम न कराने की बात कही। गांव के लोगों ने आला अधिकारियों से बात की। अधिशासी अभियंता ने जांच पूरी होने तक किसी भी तरह का काम न कराने का भरोसा दिया।

डीएम ने बनाई तीन सदस्यीय जांच टीम,3 दिन में देंगे रिपोर्ट

शेखपुर गांव ओवरहेड वाटर टैंक ढहने के बाद डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने 3 सदस्यीय जांच टीम गठित की है। डीएम ने आदेश दिया है कि जांच कमेटी मामले की गम्भीरता से जांच करके 3 दिनों में विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। डीएम ने कहा कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम द्वारा गठित जांच टीम के अधिकारी रविवार को मौके पर पहुंचे। जांच टीम के सदस्य हादसे के बारे में कुछ भी बताने से कतराते रहे।

अखिलेश ने लिखा-फट गया भाजपा का ढोल

ईसानगर में टंकी फटने के मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी टिप्पणी की। उन्होंने एक्स पर लिखा- आखिर भ्रष्टाचार का दबाव पानी की टंकी कैसे झेलती? लखीमपुर में 3 करोड़ से बनी ये पानी की टंकी नहीं फटी है, दरअसल भाजपा अपनी ईमानदारी का जो झूठा ढोल पीटती है, वो फटा है। देखना ये है कि सबसे ऊपर जो खा-पीकर बैठे हैं वो इसका ठीकरा किसके सिर फोड़ते हैं।

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शेखपुर में टेस्टिंग के दौरान पानी की टंकी ढहने के मामले की जांच राजकीय निर्माण निगम के पूर्व एमडी इंजी. विश्वदीप के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीएसी (टेक्निकल ऑडिट टीम) टीम पहुंची। ने बताया कि निर्माण सामग्री का सैम्पल भरकर टीम साथ ले गई है। सैम्पल की जांच आईआईटी कानपुर में कराई जाएगी। इसके जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वाईके नीरज, अधिशासी अभियंता जल निगम

टंकी बनने के बाद पानी भरकर टेस्टिंग चल रही थी। प्रथम दृष्टया जांच में वॉल खराब होने के कारण टेस्टिंग के दौरान ही यह मामला सामने आया है। तकनीकी टीम ने जांच की है। फिर से काम शुरू कराया जा रहा है जल्द ही टंकी का निर्माण पूरा होगा जिससे लोगों को पेयजल मिल सके। निर्माण पूरा होने के बाद टेस्टिंग की जाती है जिससे क्षमता व गुणवत्ता की जांच की जा सके।

सुरेंद्र सिंह, मैनेज बीटीएल कार्यदायी संस्था

इस मामले की जांच के लिए एसडीएम धौरहरा, बीडीओ ईसानगर और अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग की टीम स्थानीय स्तर पर बना दी गई है। टीम तीन दिन में रिपोर्ट देगी। इसके अलावा जिले भर सभी ओवरहेड टैंकों की जांच व सेफ्टी आडिट के आदेश दिए गए हैं।

दुर्गा शक्ति नागपाल, डीएम खीरी

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ग्रामीणों ने टीम को बताई कहानी

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गांव में जब पाइप लाइन डाली जा रही थी। तब मानकों को दरकिनार कर दिया गया था। गांव के लोगों ने विरोध किया तो ठेकेदार ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने ग्रामीणों पर दबाव बनाकर उल्टी सीधी पाइप लाइन डलवा दी थी। पुलिस के हस्तक्षेप से लोग चुप रहने को मजबूर हो गए थे।

लवकुश मिश्रा

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कार्यदायी संस्था ने पाइप लाइन डालने के दौरान गांव के रास्ते खोद डाले थे। जो अभी तक रिपेयर नहीं किए गए हैं। खोदकर दाल दिए गए रास्ते दुरुस्त कराए जाएं। जिससे ग्रामीणों को असुविधा न हो।

प्रशांत अवस्थी

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टैंक निर्माण के दौरान मानकों की हर स्तर पर अनदेखी की गई। मैटेरियल की गुणवत्ता दोयम दर्जे की रखी गई। टीम ने मनमाने तरीके से काम किया। अब टंकी फट गई है तो लखीमपुर से लखनऊ तक जांच के आदेश हो गए हैं।

छोटे लाल

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हादसे के दोषियों पर न सिर्फ सख्त कार्रवाई हो,बल्कि नुकसान की भरपाई के लिए जिम्मेदार लोगों से रिकवरी की जाए। जिम्मेदार अधिकारियों और कार्यदायी संस्था के गठजोड़ की वजह से गुणवत्ता से दूरी बनाकर रखी गई।

धीरू शुक्ला

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क्षेत्र के कई गांवों में प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकियों का निर्माण कराया गया है। शेखपुर हादसे के बाद अन्य सभी टैंकों की भी गुणवत्ता की जांच होनी चाहिए। जिससे किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके।

प्रकाश, क्षेत्र पंचायत सदस्य

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जब से गांव में पानी की टंकी का निर्माण शुरू हुआ। तब से गांव के लोग गुणवत्ता युक्त काम पर जोर दे रहे थे। शिकायतों का कोई पुरसाहाल नहीं हुआ। हर स्तर पर मानकों की अनदेखी की गई। सरकार हादसे के जिम्मेदार चिन्हित कर उनपर ऐसी कार्रवाई करे। जो नजीर बने।

अंकित मिश्रा

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