कोरोना काल में ओडीओपी थारू प्रोडक्टों पर भी पड़ा बड़ा असर, चौपट हुआ कारोबार
कोरोना काल में ओडीओपी थारू प्रोडक्टों पर भी पड़ा बड़ा असर, चौपट हुआ कारोबार पर भी पड़ा बड़ा असर, चौपट हुआ कारोबार -शहरी उद्योगों से लेकर थारू...
पलिया/चंदनचौकी-खीरी।
कोरोना काल के काले साए ने शहरों के उद्योग धंधे पर ही नहीं बल्कि गांवों के हस्तशिल्प छोटे उद्योगों को भी खासा प्रभावित किया है। काम ना होने के चलते हस्तशिल्प कला केंद्रों पर ताले लटक रहे हैं। जिन कला केंद्रों पर दर्जनों महिलाएं अपने हाथों के हुनर से जूट वा दुधवा की वन संपदा से मनमोहक आभूषण तैयार करने का कार्य करती थीं। वह कार्य इन दिनों ठप से हो गये हैं।
दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगलों के बीच बसी आदिवासी जनजाति की महिलाओं के हाथों के हुनर से निर्मित वस्तुएं पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना चुकीं है। जनजाति की महिलाओं के हस्तशिल्प के इस हुनर की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सराहना कर चुके हैं। लेकिन इन दिनों कोरोना के काले साए ने हस्तशिल्प कला के घरेलू उद्योगों को भी खासा प्रभावित किया है। थारू क्षेत्र में चल रहे यह हस्तशिल्प उद्योग इन दिनों बंदी के कगार पर आ पहुंचे हैं। वहीं थारू महिलाओं की हस्तशिल्प कला को चार चांद लगाने के लिए थारु गांव चंदन चौकी में सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से हस्तशिल्प आधुनिक गांव बसाया गया है। करोड़ों की लागत से बनीं इस बिल्डिंग में आधुनिकता के साथ महिलाएं अपने हाथों के हुनर को और भी खूबसूरत बनाकर देश और प्रदेश का नाम रोशन करेंगी, साथ ही उनकी आमदनी में भी भारी इजाफा होगा। बिल्डिंग का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। लेकिन कोरोना काल के चलते अभी यह बिल्डिंग हैंडोवर नहीं हो सकी है।
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