जिले में पहला ‘नॉन वेज फ्री कस्बा बना मोहम्मदी
मोहम्मदी में पुलिस की सख्ती के कारण पिछले एक महीने से नॉन वेज की दुकानें बंद हैं। व्यापारियों ने डीएम को ज्ञापन देकर रोजगार पर संकट की बात कही है। मोहम्मदी के आसपास कोई समस्या नहीं है, लेकिन लोग नॉन...
मोहम्मदी। पुलिस विभाग की सख्ती से मोहम्मदी कस्बा ‘नॉन वेज फ्री हो गया है। यहां एक माह से मटन, चिकन, मछली की दुकानें नहीं खुल पा रही हैं। पुलिस अपनी इस सख्ती को जायज बता रही है। वहीं व्यापारियों ने डीएम को समाधान दिवस में ज्ञापन देकर रोजगार पर संकट की बात कही है। हालांकि मोहम्मदी कस्बे के आसपास इस व्यापार में कोई दिक्कत नहीं है। मोहम्मदी कस्बे में किसी भी ढाबे या दुकान पर नॉन वेज नहीं बिक रहा। यह सिलसिला करीब एक माह से चल रहा है। नॉन वेज के शौकीन इसके लिए मोहम्मदी कोतवाली क्षेत्र की सीमा पार कर हैदराबाद, गोला या पसगवां थाना क्षेत्र में जा रहे हैं। बताया जाता है कि सावन से ही मोहम्मदी पुलिस ने यह सख्ती बरती और कस्बे की सभी दुकानें बंद करा दीं। यही नहीं, कोतवाली क्षेत्र के ग्रामीण बाजारों में भी पुलिस दुकानें बंद करा रही है। हालांकि इस बारे में पुलिस के पास कोई आदेश नहीं है। यह मामला तब विवादों में आया, जब एक दिन पहले दुकानदारों ने समाधान दिवस में ज्ञापन दिया। विक्रेता सकूर अहमद, अनीश, अब्दुल हामीद, रफीक, मोहम्मद अलीम और सलीम समेत सभी 11 व्यापारियों ने संयुक्त रूप से बताया उनका यह पुश्तैनी धंधा है। सभी के पास बिक्री करने के वैद्य लाइसेंस हैं। पर पुलिस जबरन कारोबार बंद करा रही है। पुलिस ने चिकन मटन और मछली की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। मोहम्मदी इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह का कहना है कि ये विक्रेता लाइसेंस के नियम का पालन नहीं करते। इनके पास बिक्री का लाइसेंस होगा, काटने का नहीं है। मैं जिस भी कोतवाली में रहा हूं, वहां दुकानें बंद कराई हैं। यहां भी करा रहे हैं। उधर एसडीएम डॉ अवनीश कुमार ने बताया कि दुकानदारों ने समाधान दिवस में शिकायत की थी। इस प्रकरण की जयादा जानकारी नहीं है। पुलिस से बात की है, व्यापारियों के पास मांस काटने का लाइसेंस नहीं होना बताया गया है। प्रकरण की जांच कराई जा रही है।
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