एक दिन पहले मिली थी तेंदुए की लाश, अगले दिन दूसरा हमलावर
धौरहरा में एक दिन पहले ही मादा तेंदुआ का शव मिला था। अगले रोज ईसानगर में एक तेंदुए के हमलावर होने का मामला सामने आ गया। जानकारों का कहना है कि इस...
खमरिया/सिसैया-खीरी।
धौरहरा में एक दिन पहले ही मादा तेंदुआ का शव मिला था। अगले रोज ईसानगर में एक तेंदुए के हमलावर होने का मामला सामने आ गया। जानकारों का कहना है कि इस क्षेत्र में तेंदुओं की आबादी बढ़ रही है। जंगल से निकलकर कभी वे खुद मुसीबत का शिकार होते हैं तो कभी दूसरों को मुसीबत में डाल देते हैं। धौरहरा वनरेंज और ईसानगर के दामूबेहड़ में तेंदुए ने चार लोगों को जख्मी कर दिया। एक वनरक्षक पर भी हमला बोल दिया। वह गिरकर जख्मी हो गए।
तेंदुए के छिपे होने की जगह चिन्हित होने के बाद मौके पर मौजूद सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने उस खेत को घेर लिया। वन विभाग के लोग भीड़ को हटाने की गुजारिश करते रहे। मगर ग्रामीणों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। तेंदुआ घेरे जाने की सूचना फैलते ही आसपास के गांवों के लोग भी जमा हो गए। जिस वजह से वन विभाग को काम करने में काफी कठिनाई हुई। ग्रामीणों का कहना था कि नदी पार के गांवों में आये तेंदुओं ने तमाम लोगों को मौत के घाट उतार दिया। वन विभाग वहां कुछ नहीं कर पाया। ऐसे में वन विभाग के भरोसे रहकर लोगों का जीवन संकट में नहीं डाला जा सकता। बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी-डंडों और भाले-बल्लम लेकर मौके पर डटे रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि वन विभाग तेंदुए को क्षेत्र से निकालकर ले जाए। साथ यह भी देखे कि हमलावर तेंदुआ अकेला है या उसके साथ और भी तेंदुए मौजूद हैं। अनुमान है कि घाघरा नदी के तटीय इलाकों में कतर्निया घाट के जंगलों से निकल कर तेंदुए धौरहरा क्षेत्र में आ जाते हैं। जिसके बाद यहां लम्बे समय तक तेंदुए सक्रिय रहकर हमले करते हैं।
मंगलवार को दामूबेहड़ गांव निवासी खुशहाल (65) पुत्र रघुनाथ मंगलवार की सुबह खेत में शौच के लिए गया था। जहां पहले से छिपे बैठे तेंदुए ने खुशहाल पर पीछे से हमलाकर उसकी गर्दन दबोच ली। खुशहाल के चीखने पर पड़ोस के खेत में मौजूद देशवरी (35) पुत्र छत्रपाल और गुलशन (20) पुत्र रामकिशोर पहुंच गए। तब दोनों पर तेंदुए ने हमलाकर उन्हें जख्मी कर दिया और खेत में छिप गया। तेंदुए की मौजूदगी की सूचना गांव पहुंची तो वहां से लोगों का हुजूम मौके पर पहुंच गया। इस बीच वन विभाग की टीम भी आ गई। वन कर्मियों ने पहले वाहन से पेट्रोलिंग कर तेंदुए के छिपे होने की जगह तलाशी। मगर इस कोशिश में वन विभाग को सफलता हाथ नहीं लगी। जिसके बाद वनकर्मियों ने तेंदुए की तलाश में पैदल खाक छाननी शुरू की। तब एक खेत मे तेंदुए के मौजूद होने की तस्दीक हुई। वन कर्मी अभी तलाश कर ही रहे थे कि इसी बीच तेंदुए ने वन रक्षक विनय तिवारी (30) पर हमला कर दिया। विनय पर हमला करने के बाद तेंदुए ने साथ चल रहे वन दरोगा ऋषभ प्रताप सिंह को दौड़ा लिया। जिससे डर कर भागते समय गिर कर वन दरोगा भी जख्मी हो गया। घायलों को हसनपुर कटौली और ईसानगर इलाज के लिए भेज दिया गया है।
बराबर बना रहता है तेंदुओं का आतंक
धौरहरा रेंज का बीहड़ कहे जाने वाले इस इलाके में तेंदुओं का आतंक रहता है। हाल ही में घाघरा नदी के पार इलाके में कई बच्चों को तेंदुओं ने हमला कर मार डाला था। जबकि कईयों पर तेंदुए ने हमला कर घायल कर दिया था। वन विभाग ने पिछले दिनों तीन मादा तेंदुओं को पकड़ कर दुधवा टाइगर रिजर्व के जंगल में छोड़ दिया था। पर अब भी तेंदुए की दहाड़ तराई की वादियों में गूंज रही है। लोगों में अभी भी तेंदुए का आतंक फैला है।
टाइगर ग्रास के धोखे में आते हैं तेंदुए
यह इलाका घाघरा नदी का कछार होने की वजह से तेदुओं की शरण स्थली बनता जा रहा है। इस क्षेत्र में पर्याप्त पानी के साथ गन्ना की बहुतायत है। तेंदुए गन्ना के खेतों को टाइगर ग्रास समझ कर इसमें डेरा जमाने लगे हैं। जो मानव और वन्यजीवों दोनों के लिए खतरे की घंटी है।खेतों में जाने वाले लोगों तो कभी आबादी में घुसकर तेंदुए ग्रामीणों पर हमले कर रहे हैं।
60 किलोमीटर का इलाका रहता है प्रभावित
कर्तनिया घाट से गनापुर वनवीट का 60 किलोमीटर का इलाका तेंदुए और बाघ के चहलकदमी का इलाका माना जाता है। इस क्षेत्र में जंगल के साथ घाघरा नदी का पानी और घुमंतू लावारिस पशु हिंसक पशुओं के लिए मौजूद रहते हैं। जिससे यह इलाका वन्य जीवों के लिए आराम गाह साबित हो रहा है। अब इसी क्षेत्र में जो भी आबादी है। वहाँ के लोगों को बाघ और तेंदुओं का कहर झेलना पड़ता है।
एक साल में हमले की प्रमुख घटनाएं
-26 फरवरी 2021 को ठाकुर बंगला मजरा गौरा झबरा निवासी प्रमोद का पुत्र जीतू (03), राजकुमार की पुत्री निशा (04), रामप्रकाश का पुत्र अर्जुन (05), मुन्नी लाल का पुत्र छोटू (03) को तेंदुए ने जख्मी किया।
-9 दिसम्बर 2020 को डुडकी गाँव निवासी दुलारे का 12 वर्षीय पुत्र दुर्गश तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल।
-10 नवंबर 2020 को गुजारापुरवा निवासी अंकित की तेंदुए के हमले में मौत।
-5 अक्टूबर 2020 को पाठकपुरवा निवासी 12 वर्षीय सिकंदर तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल।
-27 सितंबर 2020 को बेलागढ़ी के साहबदीनपुरवा निवासी 13 वर्षीय चन्दन की तेंदुए के हमले में मौत।
-14 सितंबर 2020 को चकदहा गांव के चमारनपुरवा निवासी 12 वर्षीय ब्रजेश की तेंदुए के हमले में मौत।
तेंदुए के हमले की सूचना मिलते ही वन टीम मौके पर भेज दी गई है। तेंदुए को पकड़ने के सम्बंध में उच्च अधिकारियों के निर्देशों का इंतज़ार है।
अनिल शाह
वन क्षेत्राधिकारी धौरहरा
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