मूक बधिर को दिव्यांगता सार्टीफिकेट को अब नहीं करना होगा इंतजार
-मूकबधिरों को छह से तीन साल की मिल रही थी वेटिंगतीन साल की मिल रही थी वेटिंग -बेरा टेस्ट नहीं होने से विकलांग सार्टीफिकेट बनाने में दिक्कत -लखनऊ में
लखीमपुर,संवाददाता। खीरी जिले मूक बधिर का दिव्यांगता का सार्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। खासकर कान से न सुनाई पड़ने की शिकायत वाले दिव्यांग मायूस हो रहे है। इसके पीछे वजह है कि जिले स्तर पर बेरा टेस्ट न हो पाना और तीन साल आगे की डेट लखनऊ से मिल। इस समस्या का अब हल निकल रहा है। जल्द ही लखनऊ में दूसरी जगह इसको कराया जाएगा। इसकी लिखा पढ़ी पूरी हो गयी है।
सीएमओ डा. संतोष गुप्ता ने बयाया कि संभवता इसी सोमवार से मूक बधिर की बेरा जांच लखनऊ में मेडिकल कालेज के अलावा होना शुरू हो जाएगा। इसके लिए विभाग ने स्वीकृति दे दी है। इससे पहले जिले में सुनाई न पड़ने से बेहाल दिव्यांगों को जांच की सुविधा नहीं होने से प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है। लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में मरीजों की भीड़ होने से खीरी के मरीजों को तीन साल आगे की डेट जांच कराने को मिल रही है। वहीं दूसरी तरफ बेरा जांच के बगैर ईएनटी डाक्टर की रिपोर्ट को नहीं मानी जा रही है। जिले में हर सोमवार को दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने को मेडिकल बोर्ड बैठता है। इसमें हर मास के चार सोमवार में करीब 20 दिव्यांगों को जांच कराने लखनऊ को रेफर किया जा रहा है। लखनऊ में मरीजों की भीड़ होने और सात जिलो का भार होने से जांच को एक दो माह नहीं तीन साल आगे की डेट मिल रही है। इससे हर साल 240 दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने को भटक रहे है।
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