Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखीमपुरखीरीLakhimpur Exam Centers Violations in UP Board Standards Raise Concerns

न सीसीटीवी न स्ट्रांग रूम, बना दिया परीक्षा केंद्र

लखीमपुर में यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए कई स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, जो मानकों को पूरा नहीं करते। कुछ विद्यालयों ने आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि उनके पास आवश्यक सुविधाएं नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीTue, 19 Nov 2024 10:31 PM
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लखीमपुर। यूपी बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केंद्र बनाने में मानकों की अनदेखी की गई। ऐसे कालेजों को भी परीक्षा केंद्र बना दिया गया है, जहां न कक्षा कक्ष हैं, न सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और न ही जहां स्ट्रांग रूम के लिए जगह ही है। इन बातों का खुलासा परीक्षा केंद्रों को लेकर आई आपत्तियों में हो रहा है। राजकीय स्कूल के प्रधानाचार्य खुद अपनी अव्यवस्थाएं बताकर कह रहे हैं कि हमारा सेंटर हटा दिया जाए। बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए जारी की गई केंद्रों की अनंतिम सूची में कई ऐसे स्कूल शामिल नहीं हैं। जो लंबे समय से परीक्षा केंद्र बनते आ रहे थे और सभी मानकों को पूरा करते हैं। इन स्कूलों में सीसीटीवी, राउटर, पर्याप्त फर्नीचर जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके बावजूद इस बार सॉफ्टवेयर आधारित प्रक्रिया में इन्हें केंद्र नहीं बनाया गया, जिससे स्कूल प्रबंधन हैरान है। इन स्कूलों के प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने कभी भी परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं की है। इसके बावजूद उन्हें इस बार सूची से बाहर कर दिया गया। बताते चले जिले में 135 परीक्षा केंद्रों की सूची जारी कर दी गई है। सूची जारी होने के बाद डीआईओएस कार्यालय द्वारा 14 नवंबर तक विद्यालयों से आपत्तियां मांगी गई थी। जिसके बाद विभाग को कई आपत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं। हालांकि सूची जारी होने के बाद 17 विद्यालयों ने परीक्षा केंद्र बनाए जाने को लेकर आपत्तियां दर्ज की हैं। वही 12 आपत्तियां परीक्षा केंद्रों की दूरी कम करने के साथ केंद्र बनाने के लिए हैं। जबकि 4 विद्यालयों में आपत्ति देकर केंद्र निरस्त करने की मांग की हैं।

मानक विहीन कॉलेज भी बन गए परीक्षा केंद्र

जिले में कुछ ऐसे विद्यालयों को यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए परीक्षा केंद्र बनाने को लेकर सूची में नाम दिया गया है। जो मानकों को पूरा नहीं करते। इन विद्यालयों में नियमित शिक्षकों की कमी के साथ सीसीटीवी कैमरे तक नहीं लगे हैं। फिर भी इन विद्यालयों के नाम सूची में आए है। जिसको लेकर विद्यालय प्रबंधन ने इस पर आपत्ति दर्ज करा केंद्र को निरस्त करने की मांग की है। राजकीय हाईस्कूल चुरईपुरवा ने परीक्षा केंद्र बनाए जाने पर आपत्ति दी है। कहा है कि स्कूल में दो ही शिक्षक हैं। सिर्फ चार कक्षा कक्ष हैं। कैमरे भी नहीं लगे हैं और न स्ट्रांग रूम ही हैं। इसके अलावा राजकीय हाईस्कूल जैनी मोहम्मदी की ओर से भी केंद्र बनाने पर आपत्ति आई है। इसमें कहा गया है कि स्कूल में दो ही स्टाफ है। बाउंड्री छोटी है। कैमरे लगे नहीं हैं। इलेक्ट्रानिक उपकरण भी नहीं हैं।

हर साल केंद्र बनने वाले विद्यालय सूची से बाहर

कई ऐसे विद्यालय, जो हर साल परीक्षा केंद्र के रूप में चयनित होते थे, इस बार सूची से बाहर हो गए हैं। इनमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज, जिला पंचायत इंटर कॉलेज खीरी टाउन, सरजू सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज बेलरायां, और तेज महिंद्रा सरस्वती विद्या मंदिर पलिया कला प्रमुख हैं। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं और छात्रों की पर्याप्त क्षमता है। फिर भी इन्हें सूची से बाहर रखा गया है।

असंतोष के कारण आपत्तियां दर्ज

डीआईओएस ऑफिस द्वारा विद्यालयों से 14 नवंबर तक आपत्तियां मांगी थीं। जिसके बाद कई विद्यालयों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। विद्यालयों का कहना है कि उनके पास सीसीटीवी, राउटर, पर्याप्त फर्नीचर और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी उन्हें सूची में शामिल नहीं किया गया।

सब सुविधाएं पूरी, फिर भी केंद्र नहीं बना

शहर के दीनदयाल उपाध्याय इंटर कॉलेज (यूपी बोर्ड) जिसकी छात्र क्षमता लगभग 600 है। पर इस बार विद्यालय को यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों की सूची से बाहर कर दिया गया है। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने बताया कि उनके यहां प्रत्येक कक्ष में दो सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और विद्यालय सभी निर्धारित मानकों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि हालांकि परीक्षा केंद्र चयन प्रक्रिया ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जाती है। हर साल उनका विद्यालय परीक्षा केंद्र के रूप में चयनित होता रहा है। विद्यालय प्रबंधन ने इस मामले में विभाग द्वारा मांगी गई आपत्ति दर्ज करा दी है।

परीक्षा केंद्रों का निर्धारण साफ्टवेयर के जरिए हुआ है। हो सकता है कि कुछ तकनीकी दिक्कत रह गई हो। इसी वजह से आपत्ति मांगी गई हैं। उनका निस्तारण किया जा रहा है।

- डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह, डीआईओएस

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