भारत-नेपाल सीमा पर खेतों की जमीनों की होगी जांच, बनी संयुक्त टीम
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर में भारत-नेपाल सीमा पर जीरो लाइन के पांच किलोमीटर के दायरे में फसल उगाने वाली जमीनों की जांच की जाएगी। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए एक टीम गठित की है। डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने अधिकारियों...
लखीमपुर। भारत-नेपाल सीमा पर जीरो लाइन के पांच किलोमीटर के दायरे में लहलहा रही फसलों की खेती योग्य जमीनों की जांच होगी। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि फसलें कहीं अतिक्रमण करके तो नहीं बोई गई हैं। जांच के लिए एक टीम गठित की गई है जिसमें एसडीएम, वन विभाग, पुलिस व एसएसबी के अधिकारी शामिल होंगे। राजस्व अभिलेखों के मिलान के बाद पांच किलोमीटर क्षेत्र में आने वाले सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। इस दायरे में अतिक्रमित भवन भी आएंगे। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में खाली पड़ी जमीनों पर कब्जे की सूचना प्रशासन को मिल रही थी। यह सूचना भी मिली कि खाली पड़ी भूमि पर फसलें बो दी गई हैं। लंबे समय के बाद अब प्रशासन इस ओर सख्त हुआ है। लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने सीमा क्षेत्र को अतिक्रमण व कब्जे से मुक्त करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में बाकायदा बैठक भी हो चुकी है। भारत-नेपाल सीमा पर जीरो लाइन से भारत की तरफ पांच किमी में सरकारी भूमि पर किये गये अतिक्रमण को हटाने को लेकर रणनीति बनाई गई है। प्रशासन, वन विभाग, पुलिस व एसएसबी के अधिकारियों की टीम अनधिकृत कब्जों को हटाएगी। इस अभियान में पीलीभीत जिले के एसएसबी अधिकारी भी लगाए जाएंगे। इसके लिए सबसे पहले संवाद, समन्वय एवं संयुक्त सर्वेक्षण के बाद अभियान चलाया जाएगा।
डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इंडो-नेपाल बार्डर के भारत की ओर पांच किलोमीटर के दायरे में जो खेती के लिए अतिक्रमित भूमि है, उसे चिन्हित करें और राजस्व कागजात से मिलान कराएं। गड़बड़ी करने वाले लोगों पर कार्रवाई करें। अधिकारियों को अनाधिकृत खेती योग्य भूमि और झोपड़ी या मकान की सूची तैयार कर सक्षम अधिकारी को प्रेषित करने को कहा गया है।
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