शादी के सात दिन बाद पति की मौत, उजड़ गयी लक्ष्मी की दुनिया
कोरोना और बेरहम सिस्टम के हाथों की मेहंदी छूटने से पहले सुहाग उजाड़ दिया गया। सात दिन पहले सुर्ख जोड़े में सजकर आई लक्ष्मी की कलाई सूनी हो गई।...
खमरिया-खीरी।
कोरोना और बेरहम सिस्टम के हाथों की मेहंदी छूटने से पहले सुहाग उजाड़ दिया गया। सात दिन पहले सुर्ख जोड़े में सजकर आई लक्ष्मी की कलाई सूनी हो गई। उसके पति की ऑक्सीजन के अभाव में मौत हो गई।
खीरी के ईसानगर थाना क्षेत्र के लखपेड़ा गांव निवासी रमाशंकर मिश्रा के बेटे अमन (22) की शादी 30 अप्रैल को बहराइच जिले की लक्ष्मी के साथ हुई थी। लक्ष्मी तमाम सपने संजोए पहली मई को ससुराल आ गई। पर कौन जानता था कि तमाम अरमानों के साथ विदा हो रही लक्ष्मी के सुहाग की उम्र हफ्ते भर की ही बची है। पहले जाड़ा और बुखार की शिकायत हुई तो अमन को खमरिया सीएचसी ले जाया गया। दवा लेकर घर पहुंचे अमन को मामूली राहत मिली। मगर एक दिन बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तब उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। अमन की मौत के बाद उसके घर और ससुराल पर तो मानों पहाड़ ही टूट पड़ा। अमन की दादी को उसकी मौत का इतना जबरदस्त आघात हुआ कि पोते की मौत के चंद घण्टों बाद दादी कलावती की सांसों की भी डोर टूट गई। असमय दो लोगों की मौत के गम में जूझ रहे इस परिवार पर मुसीबतों की मार अभी कम नहीं हुई है। पोते और पत्नी की मौत के बाद अमन के दादा लक्ष्मीनारायण की भी हालत खराब है।
उधर पति की मौत से टूट चुकी लक्ष्मी गहरे सदमे में है। जिस घर को अपना समझकर लक्ष्मी पिता का घर छोड़कर आई थी। अब वह उस घर की ड्योढ़ी लांघने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। अंतिम संस्कार के लिए पति का शव घर से निकला तो लक्ष्मी भी बाहर आ गई थी। जिसके बाद से लक्ष्मी घर के बाहर एक छप्पर के नीचे दो दिनों से भूखी प्यासी पड़ी है। अमन की अंतिम इच्छा का मान रखने के लिए घर के लोग लक्ष्मी को समझाते बुझाते हैं। मगर सदमे की हालत में लक्ष्मी किसी बेजान मूर्ति की तरह पड़ी रहती है।
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