पर्यटन क्षेत्र में होटल कारोबार चौपट

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद प्रदेश का इकलौता दुधवा टाइगर रिजर्व एक बार फिर सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। दुधवा के बंद होते ही...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीThu, 20 May 2021 11:11 PM
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पलियाकलां-खीरी।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद प्रदेश का इकलौता दुधवा टाइगर रिजर्व एक बार फिर सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। दुधवा के बंद होते ही सैलानियों से पटे रहने वाले होटलों के लग्जरी कमरे आज वीरानी के साए में कट रहें हैं।

दुधवा टाइगर रिजर्व इलाके में जहां सरकारी गेस्ट हाउस, रेस्ट हाउस हैं तो वहीं निजी स्तर पर भी ढेर सारी सुविधाएं हैं। पलिया में होटलों की एक श्रंखला है। बाहर से आने वाले पर्यटक यहां रुकते हैं। पर बीते एक साल से कारोबार चौपट हो गया है। पार्क तो बंद है ही, नेपाल सीमा भी बंद होने से यहां कोई सैलानी नहीं आ रहा। लोकल के लोग इन होटलों में आखिर क्यों रुकेंगे। लिहाजा होटल कारोबार पूरी तरह से चौपट हो चुका है। इस वीरानी के बावजूद होटल संचालकों का खर्चा जस का तस बना हुआ है जिससे मालिकान खासा परेशान हैं। होटल मालिकों का कहना है मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद से होटल का व्यापार लगातार भारी नुकसान में जा रहा है। लाइट का बिल, साफ सफाई के कर्मचारी सहित कुछ ऐसे स्टाफ हैं जो मजबूरन रखने हैं। जो खर्च लगातार जारी है। इन दिनों हम लोगों का यह हाल है कि आमदनी है ही नहीं और खर्चा रुपैयों में हो रहा है।

मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद से होटल का व्यापार भारी नुकसान में चल रहा है। बीच में कुछ व्यापार पटरी पर आया था लेकिन फिर कोविड की दूसरी लहर ने उसे पूरी तरह चौपट कर दिया है। खर्चे लगातार जारी है और आमदनी के नाम पर सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही रह गया है।

उमेश गुप्ता, अध्यक्ष पलिया दुधवा होटल एसोसिएशन

मार्च 2020 के बाद से अब तक होटल के व्यवसाय में उन्हें भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि विपरीत परिस्थितियों में भी की उन्हें लाइट का बिल देना ही है। साथ ही साफ सफाई व अन्य कुछ ऐसे कर्मचारी है जिन्हें देखरेख के लिए रखना ही पड़ता है। व्यवसाय के हाल बहुत खराब है कब तक ऐसे चल पाएगा यह बताना मुश्किल है।

अनिल जायसवाल

दुधवा सत्र के दौरान उनके होटल का व्यापार भी सैलानियों से खासा फलता फूलता रहता था। नई-नई डिस के साथ बड़े शहरों की तरह कई खास पकवान बनवाए जाते थे। लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने खाने के व्यापार को बंदी की कगार पर पहुंचा दिया है। कई दिनों से होटल बंद है। किस तरह खर्चे चल रहे हैं वह भगवान ही जानता है।

सुखदेव सिंह

देश में कोरोना संक्रमण की दस्तक के बाद वैसे तो हर वर्ग खासा परेशान है। लेकिन अब दूसरी लहर ने व्यापार के साथ इंसानी जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। ऐसे में तो सभी का बेवजह घरों से बाहर निकलना ठीक नहीं है। जीवन रहेगा तो आगे व्यापार भी चलेगा और जीविका भी।

अमित महाजन

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