सजकर तैयार हुआ ठुठवा मेला, लगाए गए 12 बैरियर
धौरहरा तहसील के ईसानगर में सरयू नदी के किनारे ठुठवा मेला आज से शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक मेले में दो लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। मेले में धार्मिक अनुष्ठान, संतों के प्रवचन और विभिन्न प्रकार...
खमरिया/ईसानगर,संवाददाता। धौरहरा तहसील में ईसानगर के पास सरयू नदी के रेतीले मैदान में हलचल बढ़ गई है। मेले के आकर्षण विभिन्न प्रकार के झूले और खिलौनों की दुकाने गुलजार हो गई हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाला ऐतिहासिक मेला सजकर तैयार है। साल भर इलाकाई लोगों के लिए इंतजार और तैयारी कराने वाला मेला आज से शुरू हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक शुक्रवार सुबह से करीब दो लाख लोग पवित्र नदी में डुबकी लगाएंगे।
खीरी के तराई में महाकुम्भ सरीखा लगने वाला ऐतिहासिक मेला अभिलेखों में ठुठवा मेला के नाम से जाना जाता है। मेले की शुरुआत तो करीब चार सौ साल पहले हुई थी पर मेले का उत्साह लोगों में लगातार बढ़ता रहा है। हर साल मेले में आने वाली भीड़ का आंकड़ा पिछला रिकॉर्ड तोड़ रहा है। नदी की धार बदलने के साथ समय-समय पर मेले के स्थान में परिवर्तन भी हुआ है। कुछ सालों से ईसानगर की ग्राम पंचायत कबिरहा गांव के उत्तर सरयू नदी के कछार में मेला लगता चला आ रहा है। अक्सर वीरान सा रहने वाला सरयू नदी का कछार सप्ताह भर के लिए शहर जैसा सज जाता है।
आस्था और श्रद्धा का अनूठा संगम है ठुठवा मेला
श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक दृष्टि से मेला बहुत महत्वपूर्ण है। गांजर के इस ऐतिहासिक मेले में कई जिलों से लोग आते हैं। हजारों लोग पूर्णिमा तिथि पर सुबह घाट पर पहुंचकर स्नान के बाद दान-पुण्य करते हैं। पांडालों में संतों के प्रवचन और भण्डारे का स्वाद बरबस लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। सरयू तट पर लोग मुंडन, अन्नप्राशन के साथ धार्मिक आयोजन भी करते हैं। सप्ताह भर सैकड़ों श्रद्धालु घाट पर रुककर कल्पवास करते हैं। साल भर पहले मानी गई मनौतियां पूरी होने पर लोग अनुष्ठान भी करते हैं।
राजनीतिक रंगों के बीच सभ्यता और संस्कृति का समावेश
ईसानगर राजघराने के राजनीति में पदार्पण के बाद से मेला राजनीतिक नजर में भी महत्वपूर्ण हो गया। राजघराने के अलावा विभिन्न दलों के स्थानीय नुमाइंदों ने अपने-अपने पांडाल लगाकर दल की शक्ति का भी प्रदर्शन किया है। दूसरी नजर में राजनीति के बदले परिदृश्य का नतीजा भी कहा जा सकता है। जबकि कुछ राजनीतिक दलों और उनके कायकर्ता मेले में शानदार प्रदर्शन की तैयारी में लगे हैं। यद्यपि मेले में राजनीतिक रंग तो खूब देखने को मिलते हैं पर सभ्यता और संस्कृति का अनूठा संगम भी नजर आता है।
व्यवसाइयों के लिए खास मायने रखता है यह मेला
-मेला मिलन और मनोरंजन के साथ व्यवसाइयों के लिए कमाई का जरिया भी है। स्थानीय घरेलू उद्यमी अपने उत्पाद और सेवाओं के प्रदर्शन की पहले से तैयारी करते हैं। लोहे, लकड़ी से बने औजारों और तमाम गृह उपयोगी वस्तुएं बनाकर बेचने वाले कारीगरों के लिए सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है। इस प्लेटफॉर्म पर लोगों की जरूरत का हर सामान उनकी खरीदने की क्षमता के अनुसार उपलब्ध रहता है। दिनचर्या में उपयोगी जरूरत के सामान के साथ दहेज तक का सामान मेले में उपलब्ध रहता है। मेले में कई बड़ी कम्पनियों के स्थानीय वितरक अपने स्टाल लगाकर ग्राहकों के लिए उपहार योजना लाकर अपने उत्पादों का प्रचार करते हैं।
इस बार पैसा है पास तो मेला भी है खास
कहते हैं पैसा हो पास तो मेला लगे खास तो इस बार गन्ना मिल की ओर से समय पर भुगतान के चलते मेला और खास बनने वाला है। मेले में अबकी बार अत्यधिक उत्साह का एक कारण गन्ना मिल द्वारा समय पर भुगतान भी है। दुकानदारों को इस बार अच्छी बिक्री का अंदेशा है। नतीजतन पड़ोसी जिलों के तमाम दुकानदार मेले में आए हैं। किसानों के परिवारों में इस बार मेले का उल्लास पिछले कई दिनों से हिलोरे मार रहा है। क्षेत्र में जुआरी इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा संचालित गोविन्द शुगर मिल्स ऐरा द्वारा वर्तमान पेराई सत्र में बराबर भुगतान गन्ना किसानों के खाते में भेजा जा रहा है।
एसडीएम व एएपी नैपाल सिंह ने लिया जायजा
एसडीएम धौरहरा राजेश कुमार और एएसपी नैपाल सिंह मेले का जायजा लेने पहुंचे चुके हैं। श्रद्धालुओं के आवागमन और स्नान घाट पर कोई असुविधा न हो इसके लिए एसडीएम राजेश कुमार ने बीडीओ ईसानगर प्रदीप चौधरी से बात कर आवश्यक निदेश देते रहे हैं। बीते पांच दिनों से पंचायत कर्मियों और राजस्व कर्मचारियों की देखरेख में राहों और घाटों को सुगम बनाने के लिए तेजी से काम हुआ है।
सीओ पीपी सिंह ने संभाली है सुरक्षा की कमान
सीओ पीपी सिंह ने कई राउंड मेलास्थल पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था परखी है। सीओ पीपी सिंह के साथ एसएचओ ईसानगर देवेंद्र कुमार लगातार मेले में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। एएसपी नैपाल सिंह भी सुरक्षा को ध्यान में रखकर आवागमन के रास्तों और चिन्हित मोड़ों पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी के बावत जानकारी हासिल कर चुके हैं। मेले सुरक्षा ड्यूटी के लिए पीएसी और स्नान घाट पर सुरक्षा के मद्देनजर फ्लड पीएसी की दो पलटन मेला स्थल पर डेरा डाल चुकी हैं। मेला थाना इंचार्ज ईसानगर कोतवाली में तैनात एसआई राजकुमार सरोज पुलिस टीम के साथ कैम्प लगाकर दिन रात मेले की सुरक्षा की जिम्मेदारी सम्भाल रहे हैं।
सुरक्षित यातायात को मेले में लगे 12 बैरियर
मेला थाना इंचार्ज राजकुमार सरोज ने रूट डायवर्जन प्लान तैयार किया है। तैयार प्लान को अमली जामा पहनाने के लिए चार ट्रैफिक एसआई के साथ 12 ट्रैफिक सिपाही तैनात किए गए हैं। मेले में पहुंचने के बाद बाहर निकलने के लिए दूसरा मार्ग तैयार किया गया है। चिह्नित बिंदुओं पर ट्रैफिक सिपाही मौजूद रहेंगे जो यातायात व्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मेले में प्रवेश के लिए जगह-जगह 12 बैरियर लगाए गए हैं। इसके अलावा मेला क्षेत्र में 60-60 फिट के दो कॉरिडोर स्नान घाट तक बने हैं। जबकि एक गलियारा स्नान के बाद श्रद्धालुओं को वापस मेले की तरफ लाएगा। ट्रेनी सीओ शिवम कुमार ने गुरुवार को गलियारों और सड़कों का जायजा लिया। आसपास के गांव से होकर मेला पहुंचने वाले रास्तों को भी दुरुस्त कराया गया है। मेला थाना इंचार्ज राजकुमार सरोज ने बताया कि मेले के भीतर बने दोनों कॉरिडोर की दोनों साइड पुलिस की ड्यूटी रहेगी। जो गलत तरह से आवागमन करने वालों को रोकेंगे। साथ ही 60 फुटा गलियारों में लगातार पुलिस के जवान पेट्रोलिंग कर भीड़ को नियंत्रित करेंगे।
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