लखीमपुर में तीन दिन से नहीं आई गैस, सिलेंडर को मारामारी

सरकार एक तरफ सभी को गैस सिलेंडर की सुविधा देने में लगी है। वहीं दूसरी तरफ गैंस एंजेसी पर लोगों को सिलेंडर ही नहीं मिल रहे है। तीन से किसी तरह से काम चला रहे एंजीसी में रख स्टॉक भी समाप्त हो गया। इसके...

Dinesh Rathour लखीमपुर-खीरी। हिन्दुस्तान संवाद, Sat, 15 Feb 2020 05:18 PM
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सरकार एक तरफ सभी को गैस सिलेंडर की सुविधा देने में लगी है। वहीं दूसरी तरफ गैंस एंजेसी पर लोगों को सिलेंडर ही नहीं मिल रहे है। तीन से किसी तरह से काम चला रहे एंजीसी में रख स्टॉक भी समाप्त हो गया। इसके बाद भी तीन दिन से गाडी भेजने के बाद भी सिलेंडरों का उठान नहीं हो पा रहा है। भारत गैस एजेन्सी के बरेली प्लांट में गैस को लेकर किल्लत हो गई है। इसके चलते जिलों को जानें वाले सिलेंडरों के उठान की सप्लाई  लगभग तीन से पूरी तरह से बंद हो गई है। इसका असर गैस सिंलेडरों के उपभोक्ताओं पर असर पड़ने लगा है। लोगों को तीन दिन से सिलेंडर ही नहीं मिल पा रहे है। एजेंसी मालिक सिलेंडरों का उठान न होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे है। 

सहलग के सीजन में सिलेंडर न मिलने से बढ़ी दिक्कत

इस समय सहलगों का सीजन चल रहा है। ऐसे में  घरेलू गैस सिलेंडरों की काफी मांग है। इसके बाद भी लोगों को समय  रहते सिलेंडर न मिल पाने से दिक्कतोंं का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि होम डिलीवरी तो छोड़िए गैस गोदाम जानें पर भी सिलेंडर लोगों को नहीं मिल पा रहे है।

रोजाना 16500 की खपत आ एक भी नहीं रहा

जिले में भारत गैस की करीब 27 एजेंसी चल रही है। इन एजेंसीओं में रोजाना करीब 16500 सिलेंडरों की खपत है। एक एंजेसी रोजाना करीब 600 सिलेंडरों का वितरण करती है। स्टॉक के तौर पर इनमें 600 से 700 सिलेंडर रखे रहते है। यह स्टॉक महज एक दिन की सप्लाई को ही बहाल करने में समझ है। तीन दिन से सप्लाई न मिलने से सभी एजेंसी गैस सिलेंडरों से ड्राई हो गई है। 

सहलग और मार्च को लेकर भी बए़ी दिक्कत

एजेंसी के मालिकों का कहना है कि तीन दिन से बरेली प्लांट से सप्लाई न मिलने के साथ ही सहलग सीजन होने का भी असर है। लोग कामर्शियल की जगह घरेलू गैस सिंलेडर से काम ले रहे है। यह भी एक वजह है। साथ मार्च में सालभर में  सब्सीडी पूरे साल की आती है। इसको पूरा करने के चक्कर में लोग  सालभर का कोटा पूरा करने के फेर में ज्यादा सिलेंडर ले रहे है। 


 

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