हिरासत में मौत:न सीओ की जांच, न थाना पुलिस पर फर्क
Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर के हुलासीपुरवा गांव में गैंगेस्टर के आरोपी रामचंद्र की पुलिस की कार्रवाई में मौत हो गई। परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उनकी मौत का कारण पुलिस की दबिश थी। मृतक के परिवार ने शव को लेकर...
लखीमपुर। मझगई थाना क्षेत्र के हुलासीपुरवा गांव के गैंगेस्टर के आरोपी की मौत के बाद सीओ पीपी सिंह का बयान सोशल मीडिया पर वायरल है। बावजूद उसके न तो सीओ धौरहरा की जांच के आदेश हुए और न ही एसओ मझगईं पर कोई फर्क आया। उधर पीड़ित परिवार को डर है कि कहीं पुलिस गैंगस्टर में उनका ट्रैक्टर और संपत्ति न जब्त कर ले। मझगईं थाना क्षेत्र के गांव हुलासीपुरवा निवासी रामचंद्र को निघासन पुलिस पकड़ने गई थी। दबिश के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार वालों ने पुलिस की वजह से रामचंद्र की मौत होना बताया। पुलिस ने परिवार वालों की बिना मर्जी से जबरन शव का पंचनामा भरा। पीएम के बाद परिजनों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर पोस्टमार्टम से शव घर ले जाते समय निघासन पलिया रोड पर जाम लगाने की कोशिश की। तभी वहां एसओ मझगईं दयाशंकर द्विवेदी पहुंच गए। उन्होंने परिजनों के ट्रैक्टर को सरकारी जीप लगाकर रोक लिया। जाम लगाने पर पूरे गांव पर गैंगस्टर लगाकर ट्रैक्टर को कबाड़ बना डालने की धमकी दे डाली। यह वीडियो भी वायरल हुआ। इसके बाद अंतिम संस्कार से इनकार करने व मांगें सामने रखने से नाराज सीओ पीपी सिंह के बयान का वीडियो भी खूब वायरल है। जिसमें वह शव को चार-पांच दिन रखने की बात तक कह रहे। इससे पुलिस महकमे की छीछालेदर हो रही है। लेकिन कोई भी अधिकारी एसओ और सीओ को अनुशासन का पाठ पढ़ने वाला नहीं है। परिवार वालों के डर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने ₹50 के स्टांप पर पुलिस से समझौता लिखवा कर लिया है कि उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसी भरोसे पर परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार किया है। पुलिस का समझौता पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल है।
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