मार्च में फिर से चलेगा गैंडों की आजादी का नया अभियान
Lakhimpur-khiri News - दुधवा टाइगर रिजर्व में ऊर्जा संचालित बाड़े में रह रहे गैंडा परिवार के चार सदस्यों को मार्च में खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। पिछले साल तीन गैंडों को छोड़ा गया था, लेकिन एक नर गैंडा वापस बाड़े में लौट...
लखीमपुर। दुधवा टाइगर रिजर्व में ऊर्जा संचालित बाड़े में रह रहे गैंडा परिवार के चार और सदस्यों को खुले जंगल में फिर छोड़ा जाएगा। इसके लिए कार्ययोजना बन गई है। अगला चरण मार्च महीने में पूरा किया जाएगा। पार्क प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। दुधवा नेशनल पार्क की स्थापना के बाद 1984 में असम से चार गैंडे लाकर दक्षिण सोनारीपुर रेंज में गैंडा पुनर्वासन योजना शुरू की गई थी। 40 साल के अंदर अब इन गैंडों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है। बाद में गैंडों को नया ठिकाना अप्रैल 2018 में बनाया गया है। बेलरायां रेंज में गैंडा पुनर्वास योजना फेज टू शुरू की गई। अब वहां भी गैंडा परिवार फल-फूल रहा है। दुधवा में सौर ऊर्जा चालित बाड़े से गैंडों को आजाद घूमने की आजादी देने की योजना बनाई गई। दो सालों से इसकी तैयारी चल रही थी। पिछले साल नवंबर में एक नर गैंडा रघु और दो मादा गैंडा विजयश्री व दीपाली को रेडियो कॉलर लगाकर जंगल में छोड़ा गया था। पर महज चार दिनों के अंदर ही नर गैंडा वापस भागकर बाड़े में आ गया। इसी के साथ अभियान टूट गया। अब इस अभियान का दूसरा चरण चलने जा रहा है। इसमें चार गैंडों को जंगल में आजाद छोड़ा जाएगा। इसके लिए मार्च का महीना प्रस्तावित है। गैंडों की आजादी के अभियान के लिए तैयारियों का ब्योरा मांगा गया है। अधिकारियों का कहना है कि गैंडों को आजाद करने की प्रक्रिया लंबी है। पहले नर व मादा गैंडे चिह्नित किए जाएंगे। इसके बाद उनको बेहोश करने की दवा का इंतजाम किया जाएगा। फिर बड़े पिंजरे लगाकर इनकी शिफ्टिंग की जानी है। यह सब वन विभाग के अधिकारियों और असम के गैंडा विशेषज्ञों की देखरेख में होना है।
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