शारदा नदी ने छुड़वाया घर, सड़कों पर बना ठिकाना
निघासन में बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी के कारण शारदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे कई गांवों में तबाही मच गई है। लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं, और किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं।...
निघासन। बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी की वजह से शारदा नदी के बढ़े जलस्तर ने इलाके के कई गांवों में तबाही मचा दी है। इधर के तमाम गांव इसकी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। गांवों में घरों के भीतर तक पानी भरा है। नदी के पानी से प्रभावित रहने वाले गांवों के लोग गांव और घर छोड़कर सड़कों के किनारे या सुरक्षित जगहों पर पड़े हैं। शारदा नदी की बाढ़ की चपेट में आए गांवों के लोगों के साथ ही सैकड़ों किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। उनकी खून-पसीना एक करके पैदा की गई फसलें जलमग्न हो गई हैं। क्षेत्र के दौलतापुर, मुर्गहा, मदनापुर, खमरिया, लुधौरी, रानीगंज, लालपुर, झंडी, कुर्मिनपुरवा, बैलहा डीह, तमोलिनपुरवा, चंदनपुरवा, टापरपुरवा, लोनियनपुरवा, बरोठा, अदलाबाद, मूड़ा बुजुर्ग, तारानगर, चकलुआ, शंकरी गौढ़ी आदि कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा की बाढ़ का पानी इन तमाम गांवों में लोगों के घरों के भीतर तक भर जाने से उनको बैठने-लेटने तक की जगह नहीं रह गई है।
तारानगर, बबुरी, कामतानगर, निषादनगर आदि गांवों के बाशिंदे अपने गांव और घर छोड़कर सड़क किनारे तिरपाल आदि डालकर परिवार सहित रह रहे हैं। उनको अपने पालतू जानवरों के लिए चारा तक लाने की समस्या हो रही है। कई जगह लोगों ने अपने घरों की छतों पर तंबू लगाकर रह रहे हैं। प्रशासन बाढ़ प्रभावित लोगों को लंच पैकेट मुहैया रहा है लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो रहा है। कई गांवों तक कोई मदद नहीं पहुंच पाई है।
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