गन्ना बुवाई की नई तकनीक की ओर मुड़े किसान

इलाके के एक किसान ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक खोज निकाली है, जो गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीSat, 17 Oct 2020 03:02 AM
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भानपुर-खीरी।

इलाके के एक किसान ने गन्ना बुवाई की एक नई तकनीक खोज निकाली है, जो गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। इस विधि से गन्ने की बुवाई करने से न सिर्फ बीज कम लगता है बल्कि खाद, पानी और पेस्टीसाइड की मात्रा में भी तीन से चार गुना तक की कमी आती है। इस तकनीक का नाम है वर्टिकल बेड प्लान्टेशन।

भानपुर इलाके के प्रगतिशील, शिक्षित किसान आदित्य तिवारी इस तकनीक से खेती कर रहे हैं। वर्टिकल बेड प्लान्टेशन यानी गन्ने की खड़ी गुल्ली (गन्ने का टुकड़ा) की बुआई। तिवारी कहते हैं इस विधि से गन्ना बोआई पारम्परिक तकनीक से बिल्कुल अलग है। तिवारी के मुताबिक इस विधि में खाद कम से कम, पानी 75 प्रतिशत कम और बीज में सबसे बड़ी बचत होती है। आम किसान एक एकड़ में आम तौर पर 25 से 35 क्विंटल तक बीज प्रयोग करते। ट्रेंच विधि से और भी ज्यादा बीज लगता है। पर इस विधि से मात्र चार से पांच क्विंटल बीज में एक एकड़ खेत की बोआई हो जाती है। सर्दियों की बोआई तो दो से तीन क्विंटल गन्ने के बीज से ही हो सकती। खड़ी गुल्ली विधि में धूप और पानी का मैनेजमेंट बड़ा जरूरी है। गन्ने की फसल सी-4 टाइप की फसल है सो धूप इसके लिए पूरी मिलनी जरूरी है। कृषि विज्ञान से परास्नातक आदित्य तिवारी ने पिछले वर्ष भी वर्टिकल बेड से गन्ने की बुवाई की थी जिसमें उनका उत्पादन पन्द्रह सौ क्विंटल प्रति हेक्टेयर था।

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