किसानों की आवाज दबाना चाहती है सरकार: टिकैत
Lakhimpur-khiri News - मोहम्मदी में भारतीय किसान यूनियन टिकैत द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में राकेश टिकैत ने किसानों से एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है और किसानों की आवाज को...
मोहम्मदी(लखीमपुर), संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन टिकैत की ओर से मोहम्मदी में आयोजित किसान महापंचायत में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से एकजुट रहने की अपील की। टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों की मांगों को नकार रही है। जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसे खालिस्तानी बताया जाता है। सरकार किसानों की आवाज को दबाना और कुचलना चाहती है। उन्होंने आह्वान किया कि किसान तैयारी रखें। देश को एक बड़े आंदोलन की जरूरत है।
मोहम्मदी की मंडी समिति में आयोजित किसान महापंचायत में खीरी के अलावा शाहजहांपुर, पीलीभीत, सीतापुर और हरदोई के किसान भी पहुंचे थे। यहां राकेश टिकैत ने किसानों से कहा कि वे अलग-अलग संगठनों के नाम पर बंटें नहीं। एक साथ रहें और शांतिपूर्ण आंदोलन का सहारा लें। धरने की आदत डालें। उन्होंने कहा कि किसान संगठन में वही आए, जो हमारी विचारधारा से महमत हों। टिकैत ने कहा कि सरकार को किसान और छोटे व्यापारी पसंद नहीं हैं। पहले किसान और अब साप्ताहिक बाजार भी निशाने पर हैं। छोटे बाजार खत्म कर बड़ी कंपनियों को लाने की तैयारी चल रही है।
लाठी खाना नहीं चाहता विपक्ष
किसान नेता राकेश टिकैत ने विपक्ष को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि हम लोग तो चुनाव लड़ते नहीं और जो चुनाव लड़ते हैं, वे भी कुछ नहीं कर पा रहे। विपक्ष लाठी खाने को तैयार नहीं है। बिना लाठी खाए, कुछ नहीं होने वाला है। टिकैत ने कहा कि अपने ट्रैक्टर मत छोड़ना, ये किसानों के टैंक हैं। हम जब भी आंदोलन की बात करते हैं, पुलिस हमारे ट्रैक्टर पकड़ने लगती है। इस सरकार को ट्रैक्टर से डर है। टिकैत ने कहा कि दिल्ली आंदोलन में जो ट्रैक्टर गए थे, उनको सहेजकर रखें। वह हमारे जज्बे की निशानी है।
ये उठाई मांगे
किसानों ने मांग पत्र सौंपा। इसमें वन्यजीवों के हमले से घायल व मौत पर तत्काल मुआवजा, गन्ना का बकाया भुगतान, फसल का समर्थन मूल्य, पराली, पत्ती का समाधान, बिजली का निजीकरण रोकने की मांग उठाई। मांग पत्र एसडीएम को सौंपा।
सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम
किसानों की महापंचायत को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा। कई थानों से बुलाए गए सुरक्षा कर्मियों को चप्पे-चप्पे पर तैनात किया गया था। एसडीएम ने भीड़ को देखते हुए मंच पर पहुंचकर किसानों से ज्ञापन लेकर आंदोलन को समाप्त कराया। मंच से जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह, किसान नेता बाबू अजीत सिंह, राजपाल शर्मा, प्रवक्ता बलबीर सिंह ने पंचायत को संबोधित किया। संचालन जिला महासचिव मोनू यादव ने किया।
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