बीमार बेटियों को ठेले पर लेकर सीएचसी पहुंचा पिता
Lakhimpur-khiri News - गोला गोकर्णनाथ में एक परिवार अपनी बीमार बेटियों को लेकर ठेले से सीएचसी पहुंचे। पुलिस ने उन्हें इलाज नहीं किया और गोला सीएचसी भेज दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेटियों को पीटा, जिससे उनकी...
गोला गोकर्णनाथ। बीमार व चोटिल बेटियों को लेकर परिवार के लोग ठेले से बाकेगंज सीएचसी पहुंचे। सीएचसी से उनको रेफर कर दिया गया। गोला सीएचसी में उनका प्रकरण पुलिस केस बता दिया गया। इसके बाद परिवार वाले दोनों को गांव वापस ले आए। गांव कोठीपुर निवासी रामू ने बताया कि उसके बेटे सौरभ के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा लिख रखा है। उसका बेटा कहीं लापता हो गया है। पुलिस हर रोज आकर उसके बारे में पूछताछ करती और धमका रही थी। रामू ने आरोप लगाए कि तीन दिन से बांकेगंज चौकी पर बुलाया जा रहा था। वहां पर महिला कांस्टेबल ने उसकी बेटियों को बेत और मुक्के मारे। जिसमें 14 वर्षीय शालिनी, 13 वर्षीय वैशाली और 18 वर्षीय शालू की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने हंगामा किया तो उनको पुलिस ने जाने दिया। रामू का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के बाद शालिनी और वैशाली को दर्द की शिकायत है। वे डरी हुई हैं। घर पर उनकी तबीयत बिगड़ गई तो सोमवार को रामू उनको ठेले से लेकर बाकेगंज सीएचसी पहुंचा। बाकेगंज सीएचसी में इलाज न करके दोनों का गोला सीएचसी के लिए रेफरल पर्चा बना दिया गया। कागज पर किसी अस्पताल का नाम नहीं डाला गया। इसलिए बेहोश किशोरी को न ही गोला में डाक्टरों ने एडमिट किया और न ही इलाज किया। उन्हें लखीमपुर ले जाने की सलाह दी गई। परेशान रामू किसी तरह लखीमपुर पहुंचा तो जिला अस्पताल में बताया गया कि यह पुलिस केस है पहले पुलिस को सूचित करो तब इलाज होगा। सीएचसी अधीक्षक डॉ. गणेश कुमार का कहना है कि बांकेगंज सीएचसी से जो रेफरल लेटर बनाया गया था, वह लखीमपुर के लिए था। मरीज भूलवश गोला गए थे फिर भी उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया था। थाना अध्यक्ष मैलानी निराला तिवारी का कहना है कि इलाके के एक गांव से लड़की भगाने के मामले में कोठीपुरा निवासी युवक नामजद है। जिसे लेकर बतौर पेश बंदी उसके परिजन तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। उनके परिजनों से कोई मारपीट नहीं की गई है।
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