Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखीमपुरखीरीEvery house is trembling with fever amid the mourning silence in Sansarpur

मातमी सन्नाटे के बीच हर घर बुखार से कांप रहा संसारपुर में

पीलीभीत से खीरी जिले को जोड़ने वाले हाईवे पर एक गांव है संसारपुर। दस हजार की आबादी के इस बड़े गांव के लोग इसे गांव नहीं मानते। वे इसे कस्बा कहते...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीWed, 12 May 2021 03:12 AM
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संसारपुर-खीरी।

पीलीभीत से खीरी जिले को जोड़ने वाले हाईवे पर एक गांव है संसारपुर। दस हजार की आबादी के इस बड़े गांव के लोग इसे गांव नहीं मानते। वे इसे कस्बा कहते हैं। कुछ महीना पहले तक इस गांव के सामने से गुजरने पर रात के नौ बजे भी रौनक रहती थी। आज हर तरफ सन्नाटा है। गांव में कोरोना का डर इतना है कि लोग शादियां भी टाल रहे हैं। मजबूरी में हो भी रही हैं तो कोई शामिल नहीं हो रहा।

दुकानें बंद हैं और घरों के दरवाजे भी।

गांव के भीतर दाखिल होते ही दहशत का आलम नजर आता है। एक घर के पास कुछ लोग जमा हैं। शायद कोई संस्कार चल रहा है। पता चला कि इस घर के मुखिया की मौत हो गई थी। आज तेरहवीं है। चेहरे पर मोटा गमछा बांधे लोग सिर नीचे झुकाए बाल उतरवा रहे हैं। यह इकलौता घर नहीं है, जहां मातम का डेरा है। पिछले 25 दिनों में लगभग 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। सवाल पूछा गया कि मौत कैसे हुई तो जवाब एक ही मिला-पहले बुखार आया। फिर उतरा ही नहीं। एक ने कहा कि सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। चंद मिनटों में शरीर ठंडा हो गया। गांव में एक-एक कर इतनी लाशें उठी हैं कि लोग कांप गए। बुजुर्ग अपनी उम्र के साथियों को जाता देखकर खौफ में हैं। नौजवानों के चेहरे कोरोना के डर से उतर चुके हैं।

गांव के हर घर में बीमार लोग हैं। पर यह नहीं पता है कि किसको कोरोना है और किसे साधारण वायरल बुखार। पता चला कि इस गांव में किसी की कोरोना जांच ही नहीं हुई है। गांव के लोग बताते हैं कि पास में छह किलोमीटर दूर बाकेगंज सीएचसी है। पर वहां भी जाने से डर लगता है कि पता नहीं कोरोना न हो जाए। सरकारी आंकड़ा अलग कहानी कहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, यहां 26 लोग कोरोना पॉजिटिव निकले। इनमें से कोरोना से किसी की मौत नहीं हुई।

ऐसा नहीं है कि जांच नहीं हुई। अभी तक सिर्फ एक बार 100 लोगों की कोविड जांच की गई जिसमें 26 पॉजिटिव निकले थे। सभी की जांच कराई जाएगी।

डॉ. केके रंजन, प्रभारी बाकेगंज

एक बार हमने अपने निजी खर्च से पूरे गांव को सेनेटाइज कराया है। आगे उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर गांव की स्थित से रूबरू कराया जाएगा। जिससे जनता को अच्छा उपचार मिल सके।

सुनीता देवी, ग्राम प्रधान संसारपुर

अनवर जमाल का कहना है कि स्वास्थ विभाग पूरी तरह ग्रामीणों के प्रति लापरवाह है। गांव में तमाम लोग बुखार और सांस की बीमारी से मर चुके हैं। महामारी में अंकुश पाने को विभाग पूरी तरह विफल है। कुछ नहीं हो रहा यहां।

उत्तम मौर्या का कहना है कि इस समय ग्रामीण पूरी तरह भयभीत हैं। हर व्यक्ति अपना-अपना बचाव कर रहा है। गांव के हालात पूरी तरह सही नहीं हैं। प्रशासन गांव में फैली महामारी के प्रति बेपरवाह है। ऐसे में हम सब घर में बंद हैं।

प्रेम प्रकाश गुप्ता का कहना है कि हमारे गांव सहित पास के सभी गांवों में महामारी फैली हुई है। संसारपुर सहित कई गांवों के लोग कोरोना पॉजिटिव भी निकल चुके हैं। ऐसे में प्रशासन को सेनेटाइजेशन कराना चाहिए।

शमशाद अंसारी का कहना है कि कस्बे में 20 से ज्यादा लोगों की तेज बुखार और सांस लेने की तकलीफ से मौत हो चुकी हैं। कस्बे में लोगों को सही तरीके से इलाज भी नहीं मिल पता है। आक्सीजन के लिए 50 किमी जाना पड़ता है।

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