वसुदेव-देवकी विवाह का हुआ मंचन
रमियाबेहड़ के दशहरा मेले में कंस जन्म और देवकी विवाह का मंचन हुआ। विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने मेले का उद्घाटन किया। कृष्ण लीला में कंस को देवकी के आठवें पुत्र से खतरे का आभास होता है, जिसके कारण वह...
रमियाबेहड़। कफारा में चल रहे दशहरा मेला में कंस जन्म, देवकी विवाह आदि प्रसंग का मंचन किया गया। विधायक विनोद शंकर अवस्थी ने मेले की शुरुआत कराई। मंगलवार रात कृष्ण लीला में दिखाया गया कि अग्रसेन बूढ़े हो चुके हैं। वह सारा राजपाठ कंस को सौंपना चाहते हैं। कंस से वे कहते हैं कि वह ब्राह्मण, गाय, साधु, संत, हरि भक्तों आदि का सम्मान करें। ऐसा सुनकर कंस झल्ला उठता है। राजपाट संभालने के बाद वह नागरिकों व साधु-संतों को परेशान करता है। कुछ समय बाद कंस की बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ होता है। कंस खुशी-खुशी दोनों का विदा करने जाता है। रास्ते में आकाशवाणी होती है कि हे कंस जिस बहन का विवाह धूमधाम से कर रहे हो उसी का आठवां पुत्र तेरा वध करेगा। यह सुनकर कंस क्रोधित होकर देवकी व वसुदेव को जेल में डाल देता है। रासलीला देखने के लिए कई गांवों के भारी संख्या में लोग पहुंचे। प्रधान प्रतिनिधि नरेंद्र वर्मा, मेलाध्यक्ष उमेश अवस्थी, राम नारायन भगत, आत्माराम वर्मा, डॉ. रमा कांत वर्मा, रमा शंकर निगम, बांके लाल चौहान, उमा प्रसाद अवस्थी समेत लीलानाथ मंदिर समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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