Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखीमपुरखीरीDispute Over Temple Control Sparks Tension During Janmashtami in Nighasan

कब्जा करने की नीयत से मंदिर में ताला डालने पर प्रदर्शन

निघासन के मोटेबाबा धर्मस्थान पर बने मंदिर पर कब्जे को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया। एक पक्ष ने मंदिर के शेड पर ताला डाल दिया जिससे श्रद्धालु भड़क गए। पुलिस की मध्यस्थता से ताला खोलकर श्रीकृष्ण...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीMon, 26 Aug 2024 11:41 PM
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निघासन। सिंगाही रोड पर सरयू नदी किनारे मोटेबाबा धर्मस्थान पर बने मंदिर पर कब्जा करने के लिए दो गुटों के बीच विवाद के बीच सोमवार को एक पक्ष में मंदिर के शेड पर ताला डाल दिया। इससे आसपास के तमाम श्रद्धालु भड़क गए। उन्होंने यज्ञ के लिए कुछ दिन पहले अनुमति मांगने के बाद वहां कब्जा करने की नीयत रखने का दूसरे गुट पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी व प्रदर्शन किया। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाने में बाधा डालने का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाया। इसके बाद कोतवाल ने चाभी भेजी। उसके बाद ताला खोलकर जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया। सरयू नदी किनारे बने मोटेबाबा धर्मस्थान के मंदिर व जगह पर कब्जा करने को लेकर करीब तीन महीनों से विवाद चल रहा है। वहां बने पुराने शिव मंदिर के पुजारी विकट गिरि ने बताया कि यहां बने करीब डेढ़ सौ साल पुराने मोटेबाबा स्थान व मंदिर में उनके समुदाय और परिवार के लोग पुजारी होते चले आ रहे हैं। यह मंदिर आसपास के गांवों के लोगों ने बनवाया था। बाद में सिंगाही के एक व्यापारी ने इसका जीर्णोद्धार कराया। करीब साल भर पहले बैलहा निवासी एक व्यक्ति ने मंदिर परिसर में पड़ी जगह पर यज्ञ कराने के लिए अस्थायी यज्ञशाला बनाने की अनुमति मांगी।

इसके बाद वह अक्सर उस यज्ञशाला में अपने साथियों समेत आकर बैठने लगा। उसने टालमटोल के बाद यज्ञशाला हटाने से इंकार कर दिया। पुजारी विकट गिरि का आरोप है कि सत्तापक्ष के कुछ लोगों के सहयोग से उसने मंदिर पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया। वहां पूजा करने आने वाले आसपास के गांवों के लोग भी कब्जा करने वाले का विरोध कर रहे हैं। कब्जा हटाने को लेकर दोनों पक्षों में कई बार विवाद हो चुका है। सोमवार को दूसरे पक्ष ने मंदिर में ताला डाल दिया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वहां पूजा करने आए लोग ताला पड़ा देख भड़क गए। विकट गिरि ने कोतवाल दिनेश सिंह को सूचना दी। इसके बाद उन्होंने दूसरे पक्ष से चाभी लेकर ताला खुलवाया। तब लोगों ने पूजा की। कोतवाल ने बताया कि त्योहार के बाद चाभी कोतवाली में जमा हो जाएगी। मामले के निपटारे के बाद ही आगे कुछ होगा।

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