बैंकों में उमड़ रही भीड़, टूट रही कोरोना गाइडलाइन
बैंकों में उमड़ रही भीड़, टूट रही कोरोना गाइडलाइनओर कोई नहीं देखता। हिन्दुस्तान ने मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्र की बैंकों का हाल...
लखीमपुर-खीरी। किसान सम्मान निधि का पैसा आने के बाद उसे निकालने के लिए बैंकों में भीड़ लग रही है। सुबह बैंक खुलने से पहले ही किसान पहुंच रहे हैं । यहां बैंकों के बाहर कोविड प्रोटोकॉल की धज्जी उड़ रही हैं। बैंक के अंदर तो अधिकारी प्रोटोकॉल पालन कराने की कवायद करते हैं, पर बाहर उनके खाताधारक क्या कर रहे हैं, इस ओर कोई नहीं देखता। हिन्दुस्तान ने मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्र की बैंकों का हाल देखा।
दृश्य-01--मैगलगंज
मैगलगंज-खीरी। मैगलगंज कस्बे के मुख्य चौराहे पर इंडियन बैंक है। कस्बे की सबसे पुरानी शाखा होने के कारण क्षेत्र के व्यापारी, शैक्षिक संस्थानों व किसानों के अधिकतर खाते इस शाखा में संचालित हैं। खाते अधिक होने के कारण बैंक स्टाफ भी पर्याप्त है। लेकिन इसके बावजूद यहां कार्य की गति काफी कम है जिसके कारण गेट पर खाताधारकों की भीड़ एक दूसरे पर चढ़ी जा रही है। खाताधारकों का आरोप है कि बड़े खाताधारकों को गेट खोलकर अंदर कर लिया जा रहा है और किसान व गरीब तबके के लोग बाहर लाइन लगाए हुए हैं। बैंक कर्मचारियों द्वारा बहुत धीमी गति से कार्य किये जाने का भी आरोप खाताधारकों ने लगाया।
दृश्य-02--बिजुआ
बिजुआ-खीरी। बिजुआ इलाके की ग्रामीण बैंक शाखाओं में पैसा निकालने के लिए सुबह छह बजे से ही कतारें लग गईं। बैंक वालों ने नियम के तहत एक-एक ग्राहक को ही भीतर बुलाया। पर बाहर लम्बी कतारें लगती चली गईं। बिजुआ, पड़रिया, रायपुर सभी जगह दोपहर होते-होते बैंक के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। बैंक के सुरक्षा कर्मियों की चिन्ता बैंक के स्टाफ को लेकर दिखाई दी, लेकिन बाहर सीढ़ियों पर एक-दूसरे से सटकर खड़े लोगों के बारे में किसी ने एक मिनट भी नहीं सोचा। इनमें से तमाम किसान मास्क पहनकर नहीं आए थे।
दृश्य-03--मोहम्मदी
मोहम्मदी-खीरी। कस्बे की अधिकांश बैंकों में जुटी भीड़ देखकर कोरोना कर्फ्यू को लेकर भ्रम होने लगा। खाताधारकों के खाते में किसान सम्मान निधि का पैसा निकालने को लेकर भीड़ उमड़ पड़ी। जहां सामाजिक दूरी की धज्जियां उड़ती रहीं। प्रशासन अधिकारियों के दौरे में व्यस्त दिखा। कस्बे की आर्यावर्त बैंक में उमड़ी भीड़ ने सभी रिकार्ड ध्वस्त कर दिए। किसान सम्मान निधि निकालने आये किसानों ने बेपरवाह होकर सामाजिक दूरी की खिल्ली उड़ाई और कई लोग तो बिना मास्क के ही दिखे। पैसा लेने आई तमाम महिलाएं खाताधारकों ने भीड़ का सामना किया। लोगों में कोरोना का जरा भी भय नहीं दिखा। कई महिलाओं को चक्कर आने पड़ोस में लगे पेट्रोल पम्प पर पानी पीकर जान बचाई। जिला सहकारी बैंक के बाहर बेपरवाह ग्राहकों की लगी भीड़ से महामारी फैलने का खतरा बढ गया है।
दृश्य-04--धौरहरा
कोरोना गाइड लाइन की बैक की उडा रहे धज्जियां
धौरहरा-खीरी। कोरोना संक्रमण को लेकर भले ही सरकार ने गाइडलाइन जारी की हो पर उसका पालन बैकों में नहीं दिख रहा है। बैकों में भुगतान को लेकर उमड़ रही भीड़ कोरोना कर्फ्यू की धज्जियां उड़ा रही जबकि बैकों के पास ही कोतवाली है। कोविड को कम करने के लिए सरकार द्वारा बताया जा रहा है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है। उमड़ती भीड़ में कोविड महामारी को लेकर लोग जरा भी सतर्कता नहीं बरत रहे, जबकि नगर पंचायत द्वारा लगातार एनाउंस कराया जा रहा। बैंकों में उमड़ रही भीड़ से संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है।
दृश्य-05-सिकंद्राबाद
सुबह से ही बैंक के बाहर बैठ जाते हैं किसान
सिकंद्राबाद-खीरी। किसान सम्मान निधि का दो हजार रुपया हासिल करने के लिए किसान सुबह से बैंक के बाहर बैठे रहे। महिलाएं भी आ रही हैं और अपने साथ छोटे-छोटे बच्चों को भी ला रही हैं। किसान बैंक खुलने से पहले ही जमा हो रहे। बैंक खुलने से पहले तक तो किसान सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं। पर जैसे ही घंटा भर बीतता है, उनका सब्र जवाब दे जाता है। फिर कतार तोड़कर ग्रामीण पैसा निकालने को बेताब दिखते हैं। यह सिलसिला यहां दो दिन से चल रहा है और आने वाले कितने दिन ये हालात रहेंगे, पता नहीं है।
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