रेल कार आने के बाद पांच स्टेशनों के वजूद पर संकट
मैलानी से नानपारा के बीच बंद होने जा रहीं ट्रेनों के बाद चलने वाली रेल कार मैलानी से सीधे कतर्निया घाट चलाई जाएगी। मैलानी से चलने वाली इस रेल कार के चलने के दौरान बीच के सात स्टेशनों का वजूद खत्म हो...
मैलानी से नानपारा के बीच बंद होने जा रहीं ट्रेनों के बाद चलने वाली रेल कार मैलानी से सीधे कतर्निया घाट चलाई जाएगी। मैलानी से चलने वाली इस रेल कार के चलने के दौरान बीच के सात स्टेशनों का वजूद खत्म हो सकता है। इन स्टेशनों को दुधवा की वन सम्पदा एवं दुर्लभ वन्यजीवों के चित्रों से चमकाया जाएगा या फिर खंडहर में तब्दील होने के लिये छोड़ दिया जाएगा ये आने वाला समय ही बताएगा।
अंग्रेजी हुकूमत के समय से चल रही मैलानी नानपारा के बीच छोटी रेल लाइन अब इतिहास के पन्नों में सिमटती नजर आ रही है। रेल महकमे के द्वारा जारी आदेश में 16 फरवरी को इस रुट के बीच ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया जाएगा। ट्रेनों के बंद होने के पीछे दुधवा टाइगर रिजर्व का पड़ने वाला जंगल व उसमें विचरण करने वाले दुर्लभ वन्यजीवों की ट्रेनों की चपेट में आने से होने वाली मौतों को बताया जा रहा है। इन ट्रेनों के बंद होने के बाद मैलानी से दुधवा के कतिर्निया घाट तक रेल कार चलाने की सम्भावना है जिसका उद्देश्य देश विदेश से आने वाले सैलानियों को जंगल के मनमोहक दर्शों को दिखाते हुए प्राकृतिक को सुरक्षित रखना होगा। अगर ट्रेनों का संचालन बंद होने के बाद रेल कार चलाई जाती है तो वह मैलानी से सीधे कतर्निया घाट तक चलेगी। इस बीच पड़ने वाले भीरा, पलिया, दुधवा, बेलरायां, तिकुनियां, मझरापूरब, बिछिया आदि का वजूद संकट में आ सकता है।
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