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गांवों में नहीं हो रही कोरोना जांच, दावे हवा-हवाई

सरकार ने गांव-गांव कोरोना की जांच कराने का आदेश दिया है। पर बुधवार को खीरी जिले में इसका कोई असर नहीं दिखा। ज्यादातर पीएचसी, सीएचसी तक पर जांच नहीं...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीWed, 5 May 2021 10:53 PM
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लखीमपुर-खीरी। सरकार ने गांव-गांव कोरोना की जांच कराने का आदेश दिया है। पर बुधवार को खीरी जिले में इसका कोई असर नहीं दिखा। ज्यादातर पीएचसी, सीएचसी तक पर जांच नहीं हो रही, आखिर गांव में जांच करने कौन जाएगा। गांवों में बुखार से पीड़ित लोग जांच का इंतजार करते रहे। सीएचसी स्तर पर तो जांच होती मिली। पर गांव में कोई नहीं गया।

सीन-01

पलिया सीएचसी पर लगातार हो रहा टीकाकरण और जांच का कार्य

पलियाकलां-खीरी।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद लोगों में जांच व टीकाकरण कराने के प्रति जागरूकता बढ़ी है। पलिया सीएचसी में पहुंचकर लोग टीकाकरण व जांच कराने का कार्य कर रहे हैं। अभी तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 18 वर्ष के युवाओं को लगने वाले टीकाकरण की शुरूआत नहीं हो सकी है। 45 वर्ष तक के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है।

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों में जागरूकता भी नजर आई है। लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर लोग अपना टीकाकरण व लक्षण पाए जाने पर जांच करा रहे हैं। एक मई से 18 वर्ष तक के युवाओं का टीकाकरण किए जाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन अभी तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सिर्फ 45 वर्ष के व्यक्तियों का टीकाकरण किया जा रहा है। पलिया सीएचसी पर वैक्सीन लगाए जाने का कार्य सुचारू रूप से किया जा रहा है। जानकारी देते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. हरेंद्र नाथ वरुण ने बताया कि 18 वर्ष के युवाओं को लगाई जाने वाली वैक्सीन अभी सीएचसी पर उपलब्ध नहीं हुई है।

सीन-02

गांवों में जांच का दावा हुआ फेल

बिजुआ-खीरी। सरकार का आदेश था कि पांच मई से गांव-गांव कोरोना की जांच की जाएगी, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग टीम गठित कर दी थी। लेकिन पांच मई को गांवों की जब सच्चाई जानी गयी तो यह दावा हवा-हवाई साबित हुआ। ब्लाक की कई गांवों में जांच जैसी कोई बात सामने नहीं आई। वही ग्रामीणों से बात करने पर पता चला कि जांच के लिए लोग आठ किमी दूर बिजुआ सीएचसी जा रहे हैं। कोरोना बंदी के दौरान उनको वाहन नहीं मिल रहा। बिजुआ क्षेत्र में अब तक 50 से ज्यादा केस मिल चुके हैं। कई की मौत हो चुकी है।

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सर्वे ही नहीं तो जांच क्या होगी

मैगलगंज-खीरी। बुधवार को गांवों में जांच कहीं नहीं हो रही है। एक स्वास्थ्यकर्मी ने जानकारी देते हुए बताया है कि आज आशा बहुएं व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा गांवों में डोर-टू-डोर सर्वे कर स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट करेंगी कि किस गांव में कितने लोग सर्दी, जुकाम बुखार से पीड़ित हैं। यह सर्वे स्थानीय एएनएम की निरीक्षण में हो रहा है। सर्वे के बाद जांच करने के लिए टीम आएगी।

सीन-05

सर्वे हो गया, पर आधा अधूरा

नकहा-खीरी। पीएचसी नकहा के उपकेन्द्र बिलरिया के गांव सरसवां में कोरोना की जांच शुरू नहीं हो सकी। पता चला कि जांच से पहले सर्वे किया जाएगा कि कितने लोग बीमार हैं। गांव में संगिनी के नेतृत्व में आशा बहू उर्मिला पांडे ने 50 घरों का बुखार, खांसी, दस्त, उल्टी का सर्वे किया गया। इसके बाद यहां जांच के लिए टीम भेजी जाएगी। यह टीम घर-घर जाकर कोरोना की जांच करेगी।

पसगवां क्षेत्र में भी नहीं हुई किसी की जांच

चपरतला खीरी। पसगवां ब्लाक में के ग्रामीण क्षेत्र में जांच होती नजर नहीं आई। स्वास्थ्य विभाग के पास इतनी ज्यादा कर्मचारी नहीं है कि वह अपनी टीम को गांव भेज कर लोगों का घर- घर चेकअप करें। जबकि गांव-गांव में बुखार के मरीज भरे पड़े हैं। लोग जान ही नहीं पा रहे कि उनको सामान्य बुखार है या कोरोना। पसगवां अस्पताल के प्रभारी डॉ. अश्वनी वर्मा से बात की गई उन्होंने बताया कि प्रोग्राम बनाया गया है। शीघ्र ही गांव स्तर पर कर्मचारी भेजकर कोविड-19 की जांच कराई जाएगी।

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