Hindi NewsUttar-pradesh NewsLakhimpur-khiri NewsChallenges in Obtaining Disability Certificates in Lakhimpur Kheri

आसान नहीं दिव्यांग सर्टिफिकेट हासिल करना

Lakhimpur-khiri News - लखीमपुर खीरी में दिव्यांगों के लिए सार्टिफिकेट बनवाना मुश्किल हो रहा है। मेडिकल बोर्ड के बाद यूडीआईडी नंबर के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है। जिले में 20546 प्रमाणपत्रों का लक्ष्य है, जिसमें 17452 बन...

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीमपुरखीरीMon, 2 Dec 2024 10:58 PM
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लखीमपुर। खीरी जिले में दिव्यांग सार्टिफिकेट बनवाना सबसे कठिन काम है। दिव्यांगों को सार्टिफिकेट बनवाने को पहले मेडिकल बोर्ड का सामना करना पड़ रहा है। इसके बाद यूडीआईडी नंबर मिलने को लाइन में लगना पड़ रहा है। इन सब के बाद भी खीरी जिला प्रदेश में नौवे स्थान पर है। खीरी जिले में डाक्टरों की कमी भी दिव्यांग लोगों को सार्टिफिकेट बनवाने में रोड़ा अटका रही है। जिला अस्पताल में इसके चलते सप्ताह में एक दिन बोर्ड बनाकर दिव्यांगता का परीक्षण होता है। खास बात यह है मूकबधिर को प्रमाणपत्र बनवाने को लखनऊ दौड़ना होता है। वेयरा टेस्ट के बिना प्रमाण पत्र नहीं बनता। जिले में अब तक 17452 लोगों के यूडीआईडी कार्ड बने है। जिले में 20546 का लक्ष्य रहा है।

खीरी में 84.94 प्रतिशत बने प्रमाणपत्र

खीरी जिले में 20546 दिव्यांग प्रमाण पत्र बनने का लक्ष्य है। इसमें अभी तक 17452 दिव्यांगों के बन गये है। खीरी जिला प्रमाणपत्र बनाने के मामले में प्रदेश में नौवें स्थान पर है। जिला अस्पताल में ईएनटी डॉक्टर होने के बाद भी। वैयराटेस्ट की सुविधा नही है। इसके चलते कानों में दिक्कत वाले दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने मे को टरकाया जा रहा है।

दिव्यांगों को निशुल्क कृत्रिम हाथ, पैर दिलाने का अभियान चला रहे पटवारी

गोला गोकर्णनाथ। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता महेश पटवारी दिव्यांगों को निशुल्क कृतिम हाथ-पैर लगवाने का अभियान चलाया है। पिछले 15 वर्षों से अपने सीमित साधनों में दिव्यांगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वह अमेरिका से आयातित लगभग 20,000 रुपए कीमत का कृत्रिम हाथ भी निशुल्क लगवा चुके हैं और कृत्रिम पैर भी उन्हें निशुल्क लगवा रहे हैं। शहर के मोहल्ला कुम्हारन टोला में रहने वाले महेश कुमार पटवारी के प्रयास से सबसे पहले जिला मुख्यालय लखीमपुर में वर्ष 2011 में मारवाड़ी युवा मंच की ओर से पुरानी गल्ला मंडी में लगाए गए निशुल्क प्रत्यारोपण शिविर में क्षेत्र में लगभग 30 दिव्यांगों के कृत्रिम पैर निशुल्क लगवाए गए थे। इसके बाद वर्ष 2013 में इसी संस्था द्वारा दोबारा आयोजित शिविर में कुल 28 दिव्यांगों के कृत्रिम पर निशुल्क लगवाए गए। इसी वर्ष 9 जून को पीलीभीत में निशक्त जन सेवा संस्थान द्वारा भारत का सबसे पहला कृत्रिम हाथ प्रत्यारोपण शिविर लगाया गया। महेश कुमार पटवारी ने बताया कि संभवत नए वर्ष में एक विशाल दिव्यांग रोजगार मेला लगाने की तैयारी चल रही है जिसमें 1000 दिव्यांगों को नौकरी दिया जाना प्रस्तावित है।

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