दुधवा के मैलानी क्षेत्र में मिला बाघिन का शव, हड़कंप
दुधवा टाइगर रिजर्व के मैलानी क्षेत्र में आठ साल की बाघिन का शव जंगल में पड़ा मिला। आनन-फानन में दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर वन कर्मियों के साथ मौके...
मैलानी/पलिया-खीरी।
दुधवा टाइगर रिजर्व के मैलानी क्षेत्र में आठ साल की बाघिन का शव जंगल में पड़ा मिला। आनन-फानन में दुधवा के डिप्टी डायरेक्टर वन कर्मियों के साथ मौके पर जा पहुंचे और बाघ के शव को कब्जे में लिया। प्रथमदृष्टया बाघ की मौत का कारण दो बाघों के बीच हुए आपसी संघर्ष का होना बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक बाघ की मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा।
दुधवा टाइगर रिजर्व की मैलानी सेंचुरी की चलतुआ बीट में गश्त पर निकली टीम को एक जख्मी बाघि मिली। उसके शरीर पर नाखूनों के निशान दिखाई दे रहे थे। ऐसा माना जा रहा है कि बाघिन का किसी अपनी ही प्रजाति के वन्यजीव से कड़ा संघर्ष हुआ है। कुछ देर बाद बाघिन की मौत हो गई। उसकी मौत की जानकारी मिलते ही पार्क अफसरों में हड़कंप मच गया। दुधवा के उप निदेशक मनोज सोनकर ने बाघिन की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बाघिन की मौत आपसी संघर्ष में हुई लग रही है। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सामने आएगी। संघर्ष में बाघिन की गर्दन पर हमला किया गया है। शव को बुधवार को पोस्टमार्टम के लिए आईवीआरआई भेजा जाएगा।
दुधवा में लगातार जा रही बाघों की जान
पलियाकलां-खीरी। हिन्दुस्तान संवाद
दुधवा में बाघों की जान लगातार जा रही है। कारण कुछ भी हो, लेकिन वन्यजीव प्रेमी और पार्क अधिकारी चिन्तित हैं। मंगलवार को बाघिन का शव मिलने के बाद यह पड़ताल हो रही है कि जिस इलाके में बाघ का शव मिला है, वहां गश्ती दल कब से नहीं गया।
दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के साथ उनकी मौतों का सिलसिला भी लगातार जारी है। कभी शिकारियों तो कभी आपसी द्वंद्व में बाघों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। 2020-21 में टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर पांच बाघों की जान जा चुकी हैं। बता दें कि दुधवा टाइगर रिजर्व में जिस प्रकार बाघों की संख्या बढ़ रही है। उसी तरह उनकी मौतों की भी सूचनाएं समय-समय पर मिलती रहती हैं। अभी 21 मार्च को ही किशनपुर सेंचुरी की सुल्तानपुर बीट क्षेत्र में नहर के पास एक बाघ का शव मिला था। अब मंगलवार को बफर जोन में बाघिन की लाश मिली है। पार्क प्रशासन ने आसपास के क्षेत्र में डॉग स्क्वायड व हाथियों के दल से कांबिंग कराई गई लेकिन उन्हें किसी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिल सकी थी।
कब और किस रेंज में मिले बाघ के शव
11 अगस्त 2020- दुधवा टाइगर रिजर्व बफरजोन की मैलानी रेंज के हरदुआ गांव के पास एक बाघिन का शव मिला, जिसके गले में नायलॉन की रस्सी का फंदा पड़ा था।
-फरवरी 2020- किशनपुर सेंक्चुरी की कटैया बीट में एक दस वर्षीय बाघिन का शव मिला।
27 जनवरी 2021-दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला रेंज की सिकंदरपुर बीट में मादा बाघ शावक का शव मिला, शिकार की आशंका।
-14 फरवरी 2021 दुधवा नेशनल पार्क की बेलरायां रेंज में बाघ का शिकार।
21 मार्च 2021 को किशनपुर नहर के पास बाघ का शव मिला, बाघ का गला अस्वाभाविक रूप से फुला हुआ पाया गया था।
शिकारियों के चंगुल से निकलने में कामयाब हो गया था एक बाघ
दुधवा टाइगर रिजर्व के आसपास स्थित गांव में रहने वाले ग्रामीणों को जहां बाघों से खतरा है। वहीं बाघों को इंसानों से भी लगातार खतरा बना रहता है। समय-समय पर बाघ के हमले में इंसान की मौत के साथ बाघों के शिकार की वारदातें भी सामने आती रहती हैं। 17 दिसंबर 2020 किशनपुर सेंक्चुरी की कटैया बीट में एक बाघिन के शिकार का प्रयास किया गया। इस बाघ के गर्दन में नायलॉन रस्सी का फंदा डालकर घूम रहा था। अब उसका फंदा निकल चुका है।
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