Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़लखीमपुरखीरीAfter the interview the matter is in cold storage so far the deployment of teachers in English medium schools has not been done

साक्षात्कार के बाद मामला ठंडे बस्ते में, अब तक अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में नहीं हो पाई शिक्षकों की तैनाती 

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की परफामेंर्स ठीक मिलने के बाद शासन ने जिले में बेसिक के हर ब्लॉक में दस-दस और स्कूल अंग्रेजी माध्यम से चलाने का फैसला लिया। इसके लिए स्कूलों का चयन हो गया। सूची शासन को भेज...

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान संवाद, लखीमपुर खीरीWed, 13 Nov 2019 11:12 AM
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अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की परफामेंर्स ठीक मिलने के बाद शासन ने जिले में बेसिक के हर ब्लॉक में दस-दस और स्कूल अंग्रेजी माध्यम से चलाने का फैसला लिया। इसके लिए स्कूलों का चयन हो गया। सूची शासन को भेज दी गई, जुलाई महीने से ही यह स्कूल अंग्रेजी माध्यम में शामिल हो गए लेकिन अब तक इन स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। खास बात यह है कि शिक्षकों का चयन करने के लिए लिखित परीक्षा, साक्षात्कार की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। आवेदन करने वाले शिक्षक इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि विभाग कब रिजल्ट देगा और कब उनको नए स्कूलों में तैनाती मिलेगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के इस सत्र में नए चयनित हुए अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए विभाग के ही शिक्षकों से आवेदन मांगे गए। शुरू से ही शिक्षकों की तैनाती की प्रक्रिया काफी धीमी रही। आवेदन के बाद इन शिक्षकों की विभाग ने लिखित परीक्षा कराई। इसके बाद साक्षात्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। दिवाली से पहले ही शिक्षकों को उम्मीद थी कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में उनकी तेनाती हो जाएगी, लेकिन विभाग ने प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई। पता चला कि दिवाली बाद इनमें अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने वाले शिक्षकों की तैनाती हो जाएगी। अक्तूबर महीना बीत गया। नवम्बर भी आधा हो गया है लेकिन विभाग ने तैनाती नहीं की।

सूत्र बताते हैं कि इन स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती के लिए अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं। कारण है कि आवेदन करने वाले शिक्षकों ने मनचाहे स्कूल में तैनाती के लिए सिफारिशें लगवाईं। जनप्रतिनिधियों की सिफारिशी चिट्ठियां लेकर पहुंचे वहीं फोन भी कराया। अब दबाव ज्यादा बढ़ता देख विभाग के अधिकारियों ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसका खामियाजा इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। अंग्रेजी माध्यम के लिए स्कूल का चयन होने के बाद भी यहां अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने वाले शिक्षकों की तैनाती नहीं हो सकी है। 

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