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50 गन्ना किसानों का अध्ययन दल पश्चिमी यूपी के लिए रवाना

Kushinagar News - कुशीनगर में गन्ना उत्पादकता बढ़ाने के लिए 12 जिलों के 50 किसानों का अध्ययन दल पश्चिमी उत्तर प्रदेश भेजा गया है। यह दल गन्ना अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के वैज्ञानिकों से...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरSat, 22 Feb 2025 10:43 AM
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50 गन्ना किसानों का अध्ययन दल पश्चिमी यूपी के लिए रवाना

कुशीनगर। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गन्ना की उत्पाद‌कता, चीनी परता में वृद्धि करने व किसानों की आय बढ़ाने के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इसी क्रम में गन्ना अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालय, सब्जी, दलहन, पशु विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे शोध तकनीक को प्रयोगशाला से किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए गोरखपुर बस्ती, आजमगढ़ मंडल के 10 जिलों तथा गाजीपुर, जौनपुर सहित कुल 12 जिलों के 50 गन्ना किसानों का अध्ययन दल 22 फरवरी को गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केन्द्र पिपराइच गोरखपुर द्वारा नौ दिवसीय अध्ययन यात्रा पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश भेजा गया।

यह जानकारी उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच, गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि इस अध्ययन यात्रा का कुशल मार्गदर्शन लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान लखनऊ के निदेशक विश्वेश कनौजिया द्वारा किया जा रहा है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में गन्ने की औसत उपज प्रति हेक्टेयर गोरखपुर की 707 कुन्तल, देवरिया की 677 कुंतल, कुशीनगर की 792 कुंतल तथा बस्ती की 699 कुंतल है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले की 1036 कुंतल, मेरठ का 919 कुंतल, बागपत का 903 कुंतल तथा बिजनौर का 897 कुंतल प्रति हेक्टेयर है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की औसत उपज पूर्वांचल से अधिक क्यों है, किसानों का यह दल इसका अध्ययन करेगा। पूर्व सहायक निदेशक ने बताया कि अध्ययन दल, कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, कानपुर, प्रयागराज तथा गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ, शाहजहांपुर, मुजफ्फरनगर, पशु अनुसंधान संस्थान बरेली, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय मथुरा, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कल्याणपुर कानपुर, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी, केन्द्रीय बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा लखनऊ आदि विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लेगा। ये किसान आधुनिक बड़ी चीनी मिल तथा प्रगतिशील कृषकों का खेत भी देखेंगे।

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