चार साल से नियुक्त 2200 शिक्षकों की कोर्ट की सुनवाई पर नजर
कुशीनगर में 69000 शिक्षक भर्ती के तहत तैनात 2200 शिक्षकों की स्थिति सुप्रीम कोर्ट में 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई पर निर्भर कर रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भर्ती परीक्षा की सूची रद्द कर दी थी, जिससे...
कुशीनगर। निज संवाददाता 69000 शिक्षक भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई से पहले जनपद में पिछले चार साल से तैनात 2200 शिक्षकों की सांसें अटकी हुई हैं। सभी की नजर कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है। शिक्षकों का सोशल मीडिया तथा अन्य ग्रुप में तमाम तरह के चर्चाओं का दौर जारी है।
69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत जनपद में तीन चरण में वर्ष 2020 में लगभग 2200 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति पाकर शिक्षक चार साल से जनपद में नौकरी कर रहे हैं, लेकिन कुछ दिन पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट के डबल बेंच ने भर्ती परीक्षा के सूची को रद्द कर दोबारा सूची जारी करने का आदेश दिया। इससे चयनित शिक्षक परेशान हो गए, क्योंकि हाईकोर्ट के फैसले का असर अनारक्षित वर्ग के जनपद में तैनात करीब चार सौ समेत सभी 2200 शिक्षकों पर पड़ेगा। कोर्ट के आदेश के बाद अनारक्षित वर्ग के शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में पहली सुनवाई में शिक्षकों को राहत देते हुए 23 सितंबर को सुनवाई का आदेश दिया तथा राज्य सरकार को इस दौरान किसी भी प्रकार की कोई सूची जारी न करने का निर्देश देते हुये पूर्व के आदेश पर स्टे कर दिया। कोर्ट में अगली सुनवाई में सभी पक्षों यानि चयनित शिक्षक, यूपी सरकार और अचयनित अभ्यर्थी तीनों से अपना-अपना लिखित पक्ष रखने के लिए कहा है। तीनों पक्ष 23 सितंबर को 7 पेज में अपना लिखित पक्ष रखेंगे।
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