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जिनके नाम से कम जमीन, उन्हें भी जारी कर दी कई गाड़ियों की पर्ची

Kushinagar News - कुशीनगर में एक किसान को दी यूनाइटेड प्रोविंसेज शुगर कंपनी द्वारा 79 फर्जी गन्ना पर्चियां जारी की गई हैं। जबकि पिछले पांच वर्षों में उसके नाम से एक भी पर्ची नहीं बनी थी। इस फर्जीवाड़े के कारण किसान...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरSat, 22 Feb 2025 10:38 AM
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जिनके नाम से कम जमीन, उन्हें भी जारी कर दी कई गाड़ियों की पर्ची

कुशीनगर। तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में स्थित दी यूनाइटेड प्रोविंसेज शुगर कंपनी लिमिटेड सेवरही और केन यूनियन की मिलीभगत से एक किसान को 79 पर्चियां बना दी गई हैं। इस किसान को अभी तक 35 पर्चियां जारी भी कर दी गई हैं, जबकि विगत पांच वर्षों में इस व्यक्ति के नाम से एक भी पर्ची नहीं बनी है और न ही एक भी ट्राली गन्ना गिरा है।

शुगर फैक्ट्री और केन यूनियन बेसिक कोटा, पड़ताल और खेत को ध्यान में रखकर पर्ची बनाता है। आरोप है कि इस व्यक्ति का विगत पांच वर्षों में बेसिक कोटा जीरो है और खेत 20 कट्ठा से कम है, तो कैसे इस व्यक्ति की इतनी पर्चियां बन गई हैं। क्षेत्र के किसानों को पर्ची के अभाव में अपना गन्ना क्रशर या बिहार में ले जाकर औने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है।

क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि शुगर फैक्ट्री और केन यूनियन की सह पर पर्ची में फर्जीवाड़ा के कारण किसानों की पर्ची शुगर फैक्ट्री बंद होने के बाद आती है, तब तक किसान अपना गन्ना बिहार या निजी गन्ना खरीदारों के पास 70 रुपये कम लेकर 300 रुपये कुंतल पर बेच चुका होता है।

जबकि शुगर फैक्ट्री और केन यूनियन की मिलीभगत से ऐसे किसान, जिनका खेत नाम मात्र का है, उनका सीएलए बढ़ाकर दर्जनों ट्राली की गन्ना पर्ची बनाई गई है। गन्ना माफियाओं द्वारा फर्जी पर्ची बनाकर गन्ना का क्रय-विक्रय किया जा रहा है। जांच कराए जाने पर सैकड़ों ऐसे मामले सामने आने का आसार है।इस संबंध में डीसीओ दिलीप सैनी ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। इस मामले जानकारी कर बताया जाएगा।

इस तरह बना दी गई है पर्ची

शुगर फैक्ट्री मई-जून में गन्ना की पड़ताल अपने कर्मचारियों को फील्ड में भेजकर कराती है। पड़ताल के बाद किसान के बेसिक कोटा, खेत और पड़ताल को आधार बनाकर पर्ची बनाई जाती है। शुगर फैक्ट्री और सहकारी गन्ना विकास समिति सेवरही ने मोरवन निवासी राजवंशी पुत्र खूबलाल खाता संख्या 445/155 के नाम से इस वर्ष 79 गन्ना पर्ची बनाया है।

विगत पांच वर्षों से इस खाता नंबर पर एक भी ट्राली गन्ना नहीं गिरा है। इस व्यक्ति के नाम से 20 कट्ठा से कम खेत है, जबकि आंकड़ों में 123.8 कट्ठा खेत दिखाकर फर्जी पर्ची बना दी गई है। इस व्यक्ति के नाम से मोरवन, निरहू गंजल, मथौली, गौरी श्रीराम, माधोपुर बुजुर्ग, गोड़इता श्रीराम गांवों में गन्ना सर्वे दिखाया गया है। अभी तक कैलेंडर के अनुसार इनकी 35 पर्ची आ चुकी है।

इसी तरह से गोसाई पट्टी निवासी बंशी पुत्र बलिराम खाता संख्या 364/53 का आंकड़ों में 120 कट्ठा सीएलए है, जबकि वास्तविकता में खेत कम है। बाबूनंद बंशी खाता संख्या 364/56 का सीएलए 64 कट्ठा दिखाया गया है, जबकि उनके पास 20 कट्ठा जमीन ही है। बंशी और बाबूनंद पिता पुत्र हैं। दोनों को मिलकर 80 पर्ची बनाया गया है, जबकि इनके पास 7 से 8 ट्राली ही गन्ना है। अभी तक पिता-पुत्र के नाम से कैलेंडर मोड से 25 पर्ची आ चुकी है।

बोले किसान

मुन्नीपट्टी के पूर्व प्रधान राजेश राय उर्फ भटूमन, शशिभूषण उपाध्याय, बृजकिशोर उपाध्याय, प्रदीप कुमार, अरुण चौबे, इमरान अंसारी, सेराज अंसारी आदि किसानों ने कहा कि जरुरतमंद किसान पर्ची के अभाव में अपना गन्ना शुगर फैक्ट्री में गन्ना देने के लिए गन्ना तस्करों से एक से डेढ़ हजार तक में पर्ची खरीदकर गन्ना गिराने को मजबूर हैं। जरुरतमंद किसान पर्ची नहीं मिलने पर जब अपना गन्ना बिहार भेजना चाहता है तो शुगर फैक्ट्री के लोग उस पर मुकदमा लिखवाकर उसे पर्ची खरीदने को मजबूर कर देते हैं।

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