पांच माह बाद भी वृद्धा पेंशन का सत्यापन नहीं कर पाये नगर निकाय
कुशीनगर में समाज कल्याण विभाग द्वारा 1 लाख 35 हजार 652 बुजुर्गों को पेंशन दी जाती है। मार्च-अप्रैल में ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन हुआ, लेकिन निकाय क्षेत्रों में पांच माह बाद भी सत्यापन पूरा नहीं...
कुशीनगर। निज संवाददाता जिले में 1 लाख 35 हजार 652 बुजुर्गो को समाज कल्याण विभाग द्वारा पेंशन दी जाती है। वहीं विभाग हर वर्ष ब्लॉकों क्षेत्रों व निकाय क्षेत्रों में रहने वाले बुजुर्गो को मिलने वाली पेंशन का सत्यापन में भी कराती है, जिससे मालूम हो सके कि किसकी मृत्यु होने के बाद भी पेंशन उनके खाते में जा रहा है। विभागों से सत्यापन आने के बाद उनका नाम पेंशन से काटा जाता है। जिले में मार्च- अप्रैल में हुये सत्यापन तो ब्लॉकों द्वारा कर लिया गया, लेकिन निकाय क्षेत्रों में पांच माह बाद भी सत्यापन नहीं किया जा सका। वहीं डीएम के निर्देशों का एसडीएम और बीओ पर कोई असर नहीं हो रहा है। इससे निकाय क्षेत्र में कई अपात्रो व मृतको के खाते में आज तक पेंशन की धनराशि जा रही है।
समाज कल्याण विभाग द्वारा बुजुर्गो को पेंशन दी जाती है। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के गरीब वृद्धों को हर माह एक हजार रुपये मिलती हैं। पेंशन पाने वाले वृद्धों की हर साल मार्च-अप्रैल माह में जांच कराई जाती है। इस वर्ष हुये सत्यापन में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 48 सौ लाभार्थी अपात्र मिले, जिनकी मौत हो चुकी थी, जिसका विभाग द्वारा पेंशन के लिस्ट से नाम को काट दिया गया। वहीं निकायों में भेजे गये सत्यापन पांच माह बितने के बाद भी कार्य पूरा नहीं किया जा सका। इसके लिये डीएम ने कई बार एसडीएम व निकायों के जिम्मेदारों को सत्यापन पूरा कर सूची भेजने के लिये आदेशित किया पर उनके आदेशों का भी कोई असर नहीं हुआ। इससे आज भी निकाय क्षेत्र के तमाम मृतकों के खाते में पेंशन की धनराशि जा रही है। जिले में कुल तीन नगर पालिका और दस नगर पंचायते हैं, जिसमें करीब 109,429 बुजुर्गों को पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। पडरौना नगर पालिका द्वारा सत्यापन कर भेज दिया गया है, लेकिन अन्य 12 निकायों द्वारा सत्यापन नहीं होने से कई मृतकों के खाते में भी धन जा रहा है।
जिले में समाज कल्याण की इस पेंशन योजना का लाभ 1 लाख 35 हजार 652 बुजुर्गों को मिल रहा है। ऐसे लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन, सोशल आडिट कराए जाने और आधार, मोबाइल नंबर, बैंक से सीडिग कराने को लेकर मार्च-अप्रैल माह में डीएम ने एसडीएम और बीडीओ, बीओ को पत्र लिखा था, ब्लॉकों से तो सत्यापन होकर सूची आने के बाद मृतकों का नाम हटा दिया गया, लेकिन निकायों में पडरौना नगर पालिका को छोड़ अन्य निकाय से अफसरों व जिम्मेदारों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। यही वजह है कि आज तक नगर पंचायतो में कितने बुजुर्गों की मृत्यु हुई है यह मालूम नहीं हो सका है। इन निकायों में सत्यापन का काम पूरा कर विवरण कार्यालय में उपलब्ध कराने के लिये पत्र भेजा गया है।
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