खंडहर होने लगे निकायों में शामिल गांवों के सार्वजनिक शौचालय व पंचायत भवन
Kushinagar News - कुशीनगर में ग्राम पंचायत भवनों और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण लाखों रुपये खर्च करके किया गया था, लेकिन नगर निकायों में शामिल होने के बाद ये भवन बेकार हो गए हैं। इनका रखरखाव न होने से ये जर्जर हो रहे...
कुशीनगर। निज संवाददाता लाखों रुपये खर्च कर सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का व सार्वजनिक शौचालयो का निमार्ण कराया गया था। नगर निकायों का विस्तार व नये निकायों के सृजन होने के बाद सैकड़ों ग्राम पंचायतें नगरों में शामिल हो गए। सभी नगर निकायों में शामिल ऐसे सार्वजनिक शौचालय व पंचायत भवन अब बेकार हो गए हैं। रख रखाव के अभाव में यह सभी भवन अब जर्जर होने लगे हैं। पंचायत भवनों में भारत नेट योजना से लगाये गये इंटरनेट उपकरण भी बेकार हो गए हैं।
जिले में तीन पूर्व बीते नगर निकायों के चुनाव में छह नवसृजित नगर पंचायतों के गठन और एक नगर पालिका और दो नगर पंचायतों का सीमा विस्तार कर क्षेत्र बढ़ाया गया था। इन निकायों में सैकड़ो ग्राम पंचायतें शामिल हुआ है। इन निकायों में शामिल होने के बाद ग्राम पंचायत में बने सरकारी भवन व अन्य ग्राम सभाओं की सभी संपत्तियां नगर निकायों में ट्रांसफर कर दी गयीं। इनकी संचालन करने की जिम्मेदारी भी निकायों की हो गई। नवसृजित छह नगर पंचायत मथौली, सुकरौली, छितौनी, दुदही, फाजिलनगर व तमकुहीराज को कुल 31 पूरी तरह से तैयार पंचायत भवन मिले। इन नवसृजित निकायों के पास निकाय का कार्यालय नहीं होने पर एक पंचायत भवन में तो अपना कार्यालय बनाया था मगर अपने कार्यालय भवन बनने के बाद यह भवन बेकार हो गए। शेष पर पंचायत भवनों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे ही पडरौना नगर पालिका, नगर पंचायत सेवरही और रामकोला में सीमा विस्तार के दौरान 38 ग्राम पंचायत भवन इनके हिस्से में आ गये। ऐसे कुल 69 पंचायत भवन हैं, जो नगर की सीमा में आने के बाद बेकार हो गए हैं। पंचायत भवनों में भारत नेट योजना से लगे इंटरनेट कनेक्शन, पंखे, लाइट, मेज व कुर्सी आदि भी धूल फांक रहे हैं। निकायों के जिम्मेदार इन भवनों पर ध्यान देते तो अपने कई परियोजनाओं में शामिल कर इन्हें उपयोग में ला सकते थे। कई पंचायत भवन बाजारों के बीच में है, जहां दुकानें, नलकूप, रैन बसेरा आदि योजनाओं को संचालित कर लोगों को सुविधाएं भी देने का कार्य कर सकती है। कई पंचायत ऐसे हैं, जहां निकाय में शामिल होने के बाद कोई झांकने तक नहीं आया और ना ही वहां का ताला खोला गया। अब इन भवनों का रख रखाव नहीं होने से जर्जर स्थिति में पहुंच गये हैं।
सभी निकायों को निर्देश जारी किया गया है कि वह इन भवनों को तत्काल अपने उपयोग में लेकर इस्तेमाल शुरू करा दें। आगे इनके विधिवत इस्तेमाल की कार्ययोजना तैयार कराकर भवनों का समुचित इस्तेमाल किया जाएगा। देख रेख व रखरखाव का कार्य तत्काल शुरु कराने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
वैभव मिश्रा, एडीएम
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