बुद्ध पीजी कॉलेज में वयोवृद्धता पर होगी राष्ट्रीय संगोष्ठी, तैयारी में जुटे शिक्षक
कुशीनगर में बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय द्वारा 1-2 अक्टूबर को 'सफल वयोवृद्धता: मुद्दे एवं चुनौतियां' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। इसमें कई विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ वयोवृद्धता के...
कुशीनगर। बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुशीनगर में एक और दो अक्टूबर को मनोविज्ञान विभाग की तरफ से राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद की तरफ से प्रायोजित संगोष्ठी का विषय है, सफल वयोवृद्धता: मुद्दे एवं चुनौतियां। सीपीएआई संगोष्ठी का सह आयोजक है।
भारतीय सामुदायिक मनोविज्ञान परिसंघ का यह द्विवार्षिक अधिवेशन बुद्ध की धरा कुशीनगर में पहली बार होने जा रहा है। इसमें कई विश्वविद्यालयों से मनोविज्ञान विषय के आचार्य और अध्येता वयोवृद्धता संबंधी विभिन्न पहलुओं पर शोध परक विमर्श करेंगे। इसमें कानपुर से प्रो. एनके सक्सेना, सोनीपत से प्रो. एसपी साहनी, यूनिवर्सिटी ऑफ प्रोविडेंस यूएसए प्रो. सचिन जैन, अमृतसर से प्रो. नवदीप सिंह तुंग, मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान से प्रो. यूके सिन्हा, लखनऊ से प्रो. मधुरिमा प्रधान, वाराणसी से प्रो. आनंद कुमार, जयपुर से प्रो. एबी मदनावत, अल्मोड़ा से प्रो. आराधना शुक्ल, ग्वालियर से प्रो. नरोत्तम शर्मा, लखनऊ से डॉ. कुमुद श्रीवास्तव, आईएमएस वाराणसी से प्रो. मानषी श्रीवास्तव, कानपुर से प्रो. आभा सिंह, वाराणसी से प्रो. मधु अस्थाना, पंजाब विश्वविद्यालय से प्रो. जितेंद्र मोहन, गाजीपुर से प्रो. अमरनाथ राय, जौनपुर से प्रो. अजय प्रताप सिंह व प्रो. अविनाश पथार्दिकर, जौनपुर सहित अनेक शोध अध्येता वयोवृद्धता के विविध सामाजिक, सांस्कृतिक, जैविक, चिकित्सकीय, सामुदायिक और साहित्यिक परिप्रेक्ष्यों में विमर्श को नया आयाम देंगे।
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सात दिवसीय कार्यशाला का भी होगा आयोजन
दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी से पूर्व मनोविज्ञान विभाग की ओर से शोध पद्धति एवं बहुचरीय विश्लेषण की नवीनतम सॉफ्टवेयर तकनीकों पर आधारित सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। यह समाज विज्ञानी शोधार्थियों के लिए किया जा रहा है। इसमें दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालयों के आचार्य ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीके से व्याख्यान देंगे। शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी अनुसंधान तकनीकों को व्याख्यायित करेंगे। शोध संबंधी समस्याओं के लिए अंतर-क्रियात्मक सत्र भी चलेंगे।
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एक अक्टूबर को मनाते हैं वयोवृद्ध जनों का अंतरराष्ट्रीय दिवस
संयुक्त राष्ट्र संघ प्रत्येक वर्ष एक अक्टूबर को वयोवृद्ध जनों का अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाता है। इस वर्ष समुदायों में वरिष्ठ जनों की समेकित भूमिका को प्रकाशित करने के रूप में मनाया जाने का थीम है। संयुक्त राष्ट्र संघ की इस विचार के साथ भारतीय वसुधैव कुटुंबकम् की भावना विकसित होगी। इसमें मनोविज्ञान के अवकाश प्राप्त आचार्यों का स्मरण एवं सम्मान दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र का विशिष्ट आकर्षण होगा।
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