कुशीनगर में मोरारी बापू की रामकथा 23 जनवरी से, तैयारियां अंतिम दौर में
बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू की 854वीं कथा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में चल रहीं हैं। यह कथा 23 जनवरी से 31 जनवरी तक आयोजित है। मोरारी बापू के रहने के लिए...
बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू की 854वीं कथा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में चल रहीं हैं। यह कथा 23 जनवरी से 31 जनवरी तक आयोजित है। मोरारी बापू के रहने के लिए होटल रायल रेजीडेंसी में कुटिया का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही दो स्वीस कॉटेज भी बनाया जा रहा है। होटल लोटस में हाइटेक वातानुकूलित कथा पांडाल में श्रद्धालुओं के बैठने के लिए कुर्सियां, लाइट और साउंड लगाने का काम भी लगभग अंतिम चरण में चल रहा है।
आयोजक मंडल श्रीराम कथा आयोजन यज्ञ समिति कुशीनगर के प्रमुख सदस्य अमर अग्रवाल ने अपनी टीम के साथ बुधवार को कथा एवं बापू के विश्राम स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने व्यवस्था में लगे लोगों को आवश्यक निर्देश दिया। लोट्स होटल के पीछे बने कथा पांडाल में कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए कुर्सियों के बीच दो गज की दूरी रखी गई है। इसमें कुल पांच सौ लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। दूसरी ओर कथा वाचक बापू के कुटिया के पास में मिलने वाले अति विशिष्ट लोगों के बैठने की भी व्यवस्था की गई है। यहां वहीं लोग बैठेंगे जो बापू के अनुमति से स्पेशल मिलेंगे। उस पूरे परिसर को प्राकृतिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से सजाया संवारा जा रहा है। सुरक्षा को जिला प्रशासन एक तरफ पल-पल नजर रखे हुए है, तो वहीं प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों ने व्यवस्था आयोजन स्थल से लेकर बापू के रहने वाले स्थलों को अपने जद में ले रखा है। सैकड़ों सशस्त्र सुरक्षा गार्ड तथा पंडाल एवं बापू के विश्राम स्थल की सुरक्षा के साथ-साथ पूरे परिसर को अपने घेरे में ले लिया है।
भक्ति चैनल पर सुन सकेंगे बापू की श्रीरामकथा
कुशीनगर में होने वाली प्रख्यात कथा वाचक मोरारी बापू की श्रीराम कथा के लिए श्रद्धालु गूगल के प्ले स्टोर से एक एप डाउनलोड कर पूरी कथा सुन सकेंगे। एप डाउनलोड करने की जानकारी गुरुवार को आयोजन समिति के सदस्य देंगे। इसके अलावा कई भक्ति चैनल पर रामकथा का लाइव प्रसारण होगा। आयोजक टीम ने श्रद्धालुओं से एप व चैनल के माध्यम से कथा का रसपान करने की अपील की है।
कार्यक्रम स्थल पर सीमित संख्या में देश के कोने-कोने से आ रहे श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था होने के कारण आयोजकों ने स्थानीय लोगों के लिए मोबाइल एप की लांच करने की बात कही है। दरअसल, कोविड-19 प्रोटोकाल के कारण आयोजकों को जिला प्रशासन ने सीमित संख्या में ही कुर्सियां लगाने की अनुमति दी है। शर्तों में सिटिंग प्लान में दो गज की दूरी व मास्क को अनिवार्य बनाया गया है। सुरक्षा व्यवस्था ऐसी की जा रही है कि बिना पास के कोई भी व्यक्ति प्रवेश नहीं कर सकेगा। इस कार्यक्रम में देश के सुदूर क्षेत्रों से लोग आ रहे हैं। आयोजकों के समक्ष कथा व्यवस्था के साथ अतिथियों के सत्कार की भी चुनौती है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।