Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़कुशीनगरKushinagar Water Supply Projects Face Delays 197 of 454 Overhead Tanks Completed

विवाद और जमीन के अभाव में शुरू ही नहीं हो सकीं आठ पेयजल परियोजनाएं

कुशीनगर में 454 पेयजल परियोजनाओं में से केवल 197 ओवरहेड टैंक पूरे हुए हैं। आठ परियोजनाएं जमीन विवाद और अन्य समस्याओं के कारण शुरू नहीं हो पाईं। जल निगम (ग्रामीण) और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी...

Newswrap हिन्दुस्तान, कुशीनगरTue, 19 Nov 2024 09:18 AM
share Share

कुशीनगर। जनपद में निर्माणाधीन सभी पेयजल परियोजनाओं को पूर्ण कर हैंडओवर करने के लिए समय एक महीना ही बचा है, लेकिन 454 में 197 ओवरहेड टैंक ही पूर्ण हो पाए हैं। आठ ऐसी पेयजल परियोजनाएं हैं, जहां जमीन विवाद, जमीन का अभाव, पंपहाउस अथवा चहारदीवारी न बन पाना अथवा सोलर पैनल व सोलर सिस्टम लगाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। इस वजह से सरकार की हर घर जल पहुंचाने की मंशा पूरी नहीं हो पा रही है। हालांकि, निर्माण करा रही संस्था का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्माणाधीन परियोजनाओं को पूर्ण करा लिया जाएगा। जनपद में ओवरहेड टैंक का निर्माण कराकर हर घर तक पेयजल आपूर्ति शुरू करने के लिए जल निगम (ग्रामीण) की देखरेख में नागार्जन कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनसीसी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वर्ष 2024 में इस कंपनी को ओवरहेड टैंक निर्माण कराकर हर घर तक पाइपलाइन बिछाकर पेयजल आपूर्ति कराने की जिम्मेदारी मिलनी शुरू हुई। वर्ष 2023 के जुलाई माह तक कुल 454 पेयजल परियोजनाएं पूर्ण कराकर पेयजल आपूर्ति शुरू कराने की जिम्मेदारी एनसीसी को सौंपी गई। इन ओवरहेड टैंक की क्षमता गांव की आबादी के हिसाब से निर्धारित की गई है। 25 हजार लीटर से लगायत 6.50 लाख लीटर तक की क्षमता के ओवरहेड टैंक बनाए जा रहे हैं। दिसंबर, 2024 तक इन सभी पेयजल परियोजनाओं को पूर्ण कराकर हैंडओवर करना है, लेकिन अब तक आधे के करीब 243 परियोजनाओं के ओवरहेड ही टैंक बन पाए हैं। बाकी किसी न किसी कमी के वजह से अधूरे या शुरू ही नहीं हो पाए हैं।

इस वजह से शुरू ही नहीं हो पाईं आठ पेयजल परियोजनाएं-

हाटा ब्लॉक के महुई खुर्द व परेवाटार, खड्डा के नरकू छपरा, मोतीचक के बरठा, पडरौना के जंगल अमवा, रामकोला के उर्दहां तथा सेवरही ब्लॉक के बसडीला खुर्द एवं रकबा जंगलीपट्टी में अब तक पेयजल परियोजनाएं शुरू ही नहीं हो पाई हैं। क्योंकि कार्यदायी संस्था को जल निगम (ग्रामीण) अथवा तहसील प्रशासन जमीन ही उपलब्ध नहीं करा पाया है। इनमें कहीं भूमि की कमी तो कहीं जमीन को लेकर विवाद बताया जा रहा है। चहारदीवारी से लेकर पंपहाउस, ओवरहेड टैंक बनवाने तथा सोलर सिस्टम लगाने में अड़चनें आ रही हैं। एनसीसी के जिम्मेदारों का कहना है कि हर समक्ष स्तर पर इसके लिए प्रयास किया गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

अड़चनों की वजह से परियोजनाओं का कार्य अपूर्ण-

एनसीसी के जिम्मेदारों के मुताबिक दुदही क्षेत्र के विजयपुर उत्तरपट्टी में पंपहाउस तो बना है, लेकिन जमीन के अभाव में ओवरहेड टैंक, चहारदीवारी का निर्माण व सोलर सिस्टम नहीं लग पा रहा है। हूबहू यही समस्या फाजिलनगर क्षेत्र के अमवा श्रीदुबे, खड्डा के पड़रही, नेबुआ नौरंगिया क्षेत्र के सिरसिया कला, पडरौना के सुगही, सेवरही के दौनहां, विशुनपुरा के अरनहवा व बाजूपट्टी तथा कप्तानगंज के बरडीहा में भी है। इसके अतिरिक्त जिन ब्लॉकों में पेयजल परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, वहां कहीं ओवरहेड टैंक आधा-अधूरा है तो कहीं सोलर प्लांट लगाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। अधिकतर परियोजनाओं की चहारदीवारी जमीन के विवाद में अधूरी पड़ी है।

जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 454 पेयजल परियोजनाएं स्वीकृत हैं। इनमें 197 ओवरहेड टैंक पूर्ण हो गए हैं। आठ परियोजनाएं शुरू ही नहीं हो पाई हैं। क्योंकि ओवरहेड टैंक, पंपहाउस, चहारदीवारी का निर्माण तथा सोलर प्लेट लगाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। इसके लिए सभी सक्षम स्तर पर पत्राचार किया गया है, लेकिन कोई सकारात्मक निष्कर्ष नहीं निकल सका है। दिसंबर, 2024 तक इन सभी परियोजनाओं को पूर्ण करना है। पूरी कोशिश की जा रही है कि इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण करा लिया जाए।

सुधीर श्रीवास्तव, महाप्रबंधक,

नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें