दो साल में ही टूटने लगी 60 करोड़ से बनी तमकुहीराज-अहिरौलीदान सड़क
कुशीनगर में तमकुहीराज से अहिरौलीदान तक बनी 22 किमी लंबी सड़क, जो 60 करोड़ की लागत से बनी थी, अब टूटने लगी है। 6 महीने में कई गड्ढे बन गए हैं, जिससे राहगीरों को चोटिल होने का खतरा है। स्थानीय लोगों ने...
कुशीनगर। तमकुहीराज से बिहार बार्डर अहिरौलीदान तक सड़क बनने के दो साल बाद टूटनी लगी है। तमकुहीराज अहिरौली दान सड़क एक स्थान पर दब गयी है। 6 महीना पहले सड़क से होल में गिरकर राहगीर चोटिल हो रहे हैं। 60 करोड़ की लागत से 22 किमी लंबी बनी सड़क में जगह-जगह छोटे बड़े 11 गड्ढे बन चुके हैं। हिन्दुस्तान अखबार के पड़ताल में स्थानीय लोगों ने आक्रोश जताते हुये सड़क की हालत को बयां की है। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट...
तमकुहीराज विधानसभा में तमकुहीराज से अहिरौलीदान तक सड़क निर्माण करने के लिए 60 करोड़ रुपए की स्वीकृत हुआ था। तमकुहीराज-अहिरौलीदान मार्ग का कार्य ढाई वर्ष पहले आरंभ हुआ था। इस सड़क से 30 हजार लोगों का रोजाना का आवागमन है। सड़क तमकुहीराज से होते हुए कोइंदी, चखनी, गौरी इब्राहिम, पिपरा आगरवा, भूलिया, तरयासुजान, गढ़हिया पाठक, गड़हिया मोहन, सिसवा, खैरटिया, बेदुपार, मठिया श्रीराम होते हुए अहिरौलीदान तक जाती है। हजारों लोग प्रत्येक दिन सीएचसी, थाना, कॉलेज और अन्य विभिन्न कार्यों के लिए सड़क का उपयोग करते हैं। अभी सड़क को बने कुछ दिन ही हुए है कि मठिया, पिपरा अगरवा, भुलिया, खैरटिया के सामने सड़क के बीच में गड्ढा बन गया है। सड़क पर चलने वाले लोगों को गड्ढा से बच कर चलना पड़ता है, जबकि सड़क में बने गड्ढे के कारण दर्जनों बार एक्सीडेंट हो चुके हैं। सड़क पर पोल शिफ्टिंग, नए पुल का निर्माण, सड़क के किनारे पटरी व फुटपाथ और पेड़-पौधे आदि लगने थे, लेकिन जिम्मेदार अभी इन कार्यों में से कोई भी कार्य नहीं कराये हैं। बिजली के खंभे इतने गंभीर स्थिति में हैं कि कई बार जानलेवा दुर्घटना हो चुका है।
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लोग बोले, निर्माण के दौरान उठाया था अनियमितता का मुद्दा
पड़ोसी राज्य बिहार को जोड़ने वाली तमकुहीराज-अहिरौलीदान सड़क निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों ने मानक के विपरीत बन रही सड़क के गुणवत्ता पर सवाल उठाया था, लेकिन जिम्मेदारों के मनमानी के चलते सड़क बनकर तैयार हो गई। इसका असर हुआ कि सड़क बनने के दो साल के अंदर ही टूटने लगी है।
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सड़क का कार्य पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक पूरी सड़क पर कहीं भी पटरी या फुटपाथ का निर्माण नहीं हुआ है। कई जगहों पर अभी तक पुराने ही पुल हैं। सड़क अभी से टूटनी शुरू हो गई है। अगर यही हालत रहा तो जल्द ही सड़क टूट बदहाल हो जायेगी।
शशि भूषण उपाध्याय, ग्राम प्रधान-गड़हिया पाठक
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सड़क बनने के दो साल के अंदर ही दर्जनों जगह टूटकर गड्ढे में तब्दील हो गई है। सड़क के साथ बनने वाला फुटपाथ भी कहीं नहीं बना है, जिसके कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
बृजकिशोर दुबे, प्रधान- गड़हिया मोहन
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इस सड़क से प्रतिदिन हजारों लोगों का आना जाना है। सड़क निर्माण का कार्य बहुत घटिया हुआ है। सड़क में अभी से गड्ढे बनने लगे हैं। सड़क में आने वाले बिजली के पोल की शिफ्टिंग अभी तक नहीं हुई है, जिसके कारण लोगों को हमेशा दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है।
राजेश कुमार राय उर्फ भटूमन, पूर्व प्रधान मुन्नीपट्टी
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सड़क बनने के बाद कभी क्षेत्र में बाढ नहीं आयी है। इसके बावजूद सड़क टूटने लगी है। सड़क का कार्य मानकविहीन हुआ है, जो भी कार्य होने थे वह अभी तक अधूरे पड़े हैं।
अर्जुन बारी, ग्रामीण- तरया पश्चिम
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कोट-
सड़क का कार्य पूरा हो चुका है। दो वर्षों तक सड़क डीएलटी पीरियड में है। सड़क में कुछ भी टूटता है, तो इसको संबंधित जिम्मेदार से बनवाया जायेगा। ठेकेदार और जेई को मौके पर भेज कर जांच कराकर उसे ठीक कराया जायेगा।
राजेश सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग
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